स्कूल के आंगन को हरा भरा बनाएंगे बच्चे

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे अब स्कूल के आंगन को हरा भरा बनाएंगे। वे स्कूल कैंपस में पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण व पौधे लगाने का संदेश देंगे। पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के साथ मिलकर शिक्षा विभाग एक पेड़ मेरे स्कूल के नाम योजना शुरू करेगा।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 10:20 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 10:20 PM (IST)
स्कूल के आंगन को हरा भरा बनाएंगे बच्चे
स्कूल के आंगन को हरा भरा बनाएंगे बच्चे।

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे अब स्कूल के आंगन को हरा भरा बनाएंगे। वे स्कूल कैंपस के चारों तरफ पौधे लगाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण व पौधे लगाने का संदेश देंगे। पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के साथ मिलकर शिक्षा विभाग 'एक पेड़ मेरे स्कूल के नाम योजना शुरू करेगा। स्कूलों में बने ईको क्लब के माध्यम से योजना को सफल बनाया जाएगा। हर ईको क्लब को 50 पौधे लगाना अनिवार्य किया है। इसका मकसद बच्चों को पौधों के बारे में बताना भी है।

उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस संबंध में स्कूलों को सर्कुलर जारी कर दिया है। यह अभियान सात अगस्त तक चलेगा। इसके तहत देवदार, बान, आंवला, बेहड़ा सहित अन्य औषधीय पौधे लगाए जाएंगे।

स्कूल स्तर पर बनाई जाए ईको क्लब के सदस्यों की टीम

हिमाचल के हर स्कूल में ईको क्लब का गठन किया है, जो साल भर पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई गतिविधियों का आयोजन करता है। विभाग की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि स्कूल स्तर पर ईको क्लब के सदस्यों की टीम बनाई जाए। विभाग जिलास्तर पर वन विभाग से समन्वय स्थापित कर पौधे मुहैया करवाए जाएंगे। बच्चों को पौधे लगाने के साथ इनके महत्व व पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी जाएगी।

एक लाख के करीब पौधे लगाने का लक्ष्य

योजना के तहत चार दिन के भीतर हिमाचल में करीब एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में ईको क्लब बनाए गए हैैं। इसके अलावा स्कूलों में एनसीसी कैडेट्स व एनएसएस स्वयंसेवी भी पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करते हैं।

स्कूलों में ईको क्लब के तहत पौधे लगाए जाएंगे। 'एक पेड़ मेरे स्कूल के नाम योजना के तहत चार दिन तक विशेष अभियान चलेगा। इसकी रिपोर्ट शिक्षा उपनिदेशक निदेशालय को भेजेंगे। यहां पूरी रिपोर्ट को कंपाइल किया जाएगा।

-डा. अमरजीत शर्मा, निदेशक, उच्चतर शिक्षा विभाग

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