Online vs. Offline Class: 69 फीसदी स्टूडेंट्स चाहते हैं स्कूल खुलने के बाद भी हों हाइब्रिड क्लास, 55.9 फीसदी ने दिखाया राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विश्वास

Online vs. Offline Class न्यूयॉर्क में मुख्यालय वाली पोलैंड की एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी ब्रेनली द्वारा 3015 स्टूडेंट्स पर किये गये एक सर्वेक्षण के आधार पर हिंदू बिजनेस लाइन की खबर के मुताबिक सिर्फ 19.8 फीसदी छात्रों ने माना कि महामारी के चलते उनके एकेडेमिक पर्फॉर्मेंस पर असर पड़ा है।

By Rishi SonwalEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 11:01 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 11:06 AM (IST)
Online vs. Offline Class: 69 फीसदी स्टूडेंट्स चाहते हैं स्कूल खुलने के बाद भी हों हाइब्रिड क्लास, 55.9 फीसदी ने दिखाया राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विश्वास
12.3 फीसदी स्टूडेंट्स ने माना कि इस दौरान उनके एकेडेमिक पर्फॉर्मेंस पर कोई असर ही नहीं पड़ा है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Online vs. Offline Class: भारतीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं के साथ हाल ही में किये गये एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 69 फीसदी चाहते हैं कि भले ही देश भर के विभिन्न राज्यों में स्कूलों को फिर से खोला जा रहा है, लेकिन इस बीच वर्तमान में चलाये जा रहे ऑनलाइन और रेगुलर फिजिकल क्लासेस दोनो के हाईब्रिड मॉडल को स्कूलों द्वारा अपनाया जाना चाहिए। वहीं, इन स्टूडेंट्स का मानना है कि देश भर में लागू की जा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) भारतीय शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव करने में सक्षम है।

न्यूयॉर्क में मुख्यालय वाली पोलैंड की एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी ब्रेनली द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों और स्कूलों के कुल 3,015 स्टूडेंट्स पर किये गये एक सर्वेक्षण को लेकर हिंदू बिजनेस लाइन की खबर के मुताबिक सिर्फ 19.8 फीसदी छात्रों ने माना कि वर्ष 2020 के दौरान महामारी के चलते उनके एकेडेमिक पर्फॉर्मेंस पर असर पड़ा है। वहीं, 12.3 फीसदी स्टूडेंट्स ने माना कि इस दौरान उनके एकेडेमिक पर्फॉर्मेंस पर कोई असर ही नहीं पड़ा है, जबकि 23.5 फीसदी स्टूडेंट्स मानते हैं कि उनके स्टडीज पर वर्तमान हालात का मिश्रित प्रभाव पड़ा है।

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55.9 ने दिखाया राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विश्वास

ब्रेनली के सर्वेक्षण के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर 55.9 फीसदी स्टूडेंट्स ने सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दीं। इन छात्रों ने माना कि एनईपी 2020 देश के शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव करने में सक्षम है। हांलाकि, इस मुद्दे पर 30.9 फीसदी स्टूडेंट्स ने इसे लागू होने से पहले इस पर प्रतिक्रिया न देने का विकल्प चुना, तो वहीं, 13.2 फीसदी ने माना कि नई नीति उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पाएगी।

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‘ऑनलाइन एग्जाम चैलेंजिंग’

एकतरफ जहां छात्रों की अधिक संख्या ने क्लासेस के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन के हाईब्रिड मॉडल की इच्छा जाहिर की तो वहीं 45.7 फीसदी स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन एग्जाम को अधिक चैलेंजिंग माना। सिर्फ 30.5 फीसदी छात्रों ने माना कि यह रेगुलर एग्जाम की तरह ही है। वहीं, 23.8 फीसदी ने इन मामले पर कुछ भी प्रतिक्रिया देने में समर्थता जाहिर की।

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