CBSE 10th Private Exam 2021: दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई से मांगा जवाब, अगली सुनवाई 23 अगस्त को

CBSE 10th Private Exam 2021 न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने 10वीं कक्षा के एक प्राइवेट स्टूडेंट की मां द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के वकील द्वारा समय मांगे जाने के बाद आदेश पारित किया।

By Rishi SonwalEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:48 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 10:48 AM (IST)
CBSE 10th Private Exam 2021: दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई से मांगा जवाब, अगली सुनवाई 23 अगस्त को
कक्षा 10 के प्राइवेट स्टूडेंट्स के मूल्यांकन की पद्धति से संबंधित एक याचिका पर हो रही सुनवाई

CBSE 10th Private Exam 2021: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के कारण परीक्षा रद्द होने के बाद कक्षा 10 के प्राइवेट स्टूडेंट्स के मूल्यांकन की पद्धति से संबंधित एक याचिका पर सीबीएसई से जवाब मांगा है। न्यायालय ने जवाब देने के लिए सीबीएसई के द्वारा अतिरिक्त समय दिए जाने के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने 10वीं कक्षा के एक प्राइवेट स्टूडेंट की मां द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के वकील द्वारा समय मांगे जाने के बाद आदेश पारित किया।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरफ से वकील रूपेश कुमार ने कक्षा 10 की परीक्षाओं के लिए निजी उम्मीदवारों के मूल्यांकन के लिए कार्यप्रणाली पर निर्देश लेने के लिए दस दिन का और समय मांगा था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सीबीएसई के वकील ने 10वीं कक्षा के निजी छात्रों के मूल्यांकन की पद्धति के बारे में निर्देश लेने के लिए दस दिन का और वक्त मांगा है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला बच्चों के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए सीबीएसई को निर्णय लेने के लिए समय दिया जा रहा है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तिथि निर्धारित की है।

बता दें कि इस याचिका पर सीबीएसई को जून में नोटिस जारी किया गया था, जिसमें हाईकोर्ट ने जवाब देने के लिए छह हफ्ते का समय दिया था। वहीं, सीबीएसई ने कोर्ट से एक बार फिर समय दिए जाने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। गौरतलब है कि अपनी याचिका में, एक छात्र की मां पायल बहल ने उल्लेख किया है कि जहां परीक्षा रद्द करने की घोषणा के बाद छात्रों को पास घोषित किया गया है, वहीं सीबीएसई ने अपनी नीति के बारे में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है कि निजी छात्रों को मार्क्स कैसे दिए जाएंगे। उन्होंने अपनी याचिका में लिखा है कि कक्षा 10 की परीक्षा में निजी तौर पर नामांकित छात्रों के प्रति सीबीएसई का रवैया भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन है और आगे की शिक्षा के साथ आगे बढ़ने के उनके समान अवसर को छीन लेता है।

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