क्यों आया सप्ताह में चार दिन काम करने का फॉर्मूला?

इससे जहां कर्मचारियों के कार्यस्थल पर बिताए जाने वाले समय में कमी आई तो उसका नतीजा यह हुआ कि उनका प्रदर्शन बहुत निखर गया।

By Neel RajputEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 09:00 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 09:08 AM (IST)
क्यों आया सप्ताह में चार दिन काम करने का फॉर्मूला?
क्यों आया सप्ताह में चार दिन काम करने का फॉर्मूला?

नई दिल्ली, जेएनएन। हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट ने जापान में अपने कर्मचारियों को सप्ताह में चार दिन ही काम करने की व्यवस्था दी है। यह फैसला कर्मचारियों पर बढ़ते काम के दबाव को कम करने के लिए लिया गया है। वैसे इस समय दुनिया में कई छोटी-छोटी कंपनियां भी सप्ताह में चार दिन काम और 3 दिन के वीकेंड के नियम को अपना रही हैं। जब माइक्रोसॉफ्ट ने भी इसे अपनाकर देखा और पाया कि यह बड़ी कंपनियों के लिए भी कारगर साबित हो सकता है तो उसने जापान में यह वर्क कल्चर शुरू किया है, जिसका शीर्षक है ‘वर्क लाइफ चॉइस चैलेंज’। इसके तहत कंपनी ने बीते अगस्त के महीने में अपने सभी दफ्तरों को हर शुक्रवार को भी बंद करना शुरू किया और इस तरह सभी कर्मचारियों को एक अतिरिक्त दिन की छुट्टी देने की परंपरा डाली। इस नए तरीके के नतीजे बहुत अच्छे आए।

इससे जहां कर्मचारियों के कार्यस्थल पर बिताए जाने वाले समय में कमी आई तो उसका नतीजा यह हुआ कि उनका प्रदर्शन बहुत निखर गया।

कंपनी ने तो यह भी पाया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष एक अतिरिक्त छुट्टी के बावजूद कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। कंपनी ने सिर्फ दफ्तर में काम के घंटे ही कम नहीं किए, बल्कि उसने कर्मचारियों के लिए मीटिंग में बिताया जाने वाला समय और ईमेल के जवाब देने में लगने वाला वक्त भी कम करने पर जोर दिया है। अब कोई भी मीटिंग 30 मिनट से अधिक की नहीं होती। कर्मचारियों को प्रेरित किया गया कि वे ऑनलाइन मैसेजिंग एप के जरिए आपसी विमर्श करें, ताकि मीटिंग की जरूरत ही न रह जाए। वहीं, इन सभी बदलावों के कारण जापान में माइक्रोसॉफ्ट के 2,280 कर्मचारियों में से 90 प्रतिशत का कहना है कि इन बदलावों का उन पर सकारात्मक असर हुआ है।

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