Maharashtra School Reopening: 5वीं से 8वीं तक के लिए आज से खुलेंगे महाराष्ट्र के स्कूल, पहली से चौथी कक्षा के लिए सरकार कर रही विचार
Maharashtra School Reopening महाराष्ट्र राज्य के शासकीय और गैर-शासकीय विद्यालयों में सीनियर कक्षाओं - 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूलों को खोले जाने के बाद राज्य सरकार ने 5वीं से लेकर 8वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए भी कक्षाएं लगाने की छूट दे दी थी।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Maharashtra School Reopening: महाराष्ट्र राज्य के शासकीय और गैर-शासकीय विद्यालयों में सीनियर कक्षाओं - 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूलों को खोले जाने के बाद राज्य सरकार ने 5वीं से लेकर 8वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए भी कक्षाएं लगाने की छूट दे दी थी। इसके बाद इन कक्षाओं के स्टूडेंट्स के लिए आज से कक्षाओं का आयोजन स्कूलों में किया जा रहा है। महाराष्ट्र राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ द्वारा ट्वीट के माध्यम से दी गयी जानकारी के अनुसार स्कूलों में आने से पहले शिक्षकों को आरटी-पीसीएस टेस्ट निगेटिव रिपोर्ट को जमा कराने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही, जूनियर कक्षाओं, पहली से लेकर चौथी तक के स्टूडेंट्स के लिए भी अगले चरण में कक्षाओं के आयोजन पर सरकार विचार कर रही है।
हालांकि, दूसरी तरफ मुंबई के स्कूल फिलहाल बंद ही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीएमसी द्वारा हाल ही में, 16 जनवरी को अगले आदेश तक के लिए सभी स्कूलों को बंद रखने के निर्देश दिये गये थे। वहीं, दूसरी तरफ थाणे ग्रामीण इलाकों के स्कूलों को आज से खोले जाने की छूट दी गयी है।
स्कूलों द्वारा कोरोना महामारी के मद्देनजर जरूरी सावधानियों और उपायों को लेकर, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा आवश्यक निर्देश जारी किये गये हैं। “स्कूलों को फिर से खोले जाने के लिए सैनिटाईज किया गया है। हमने सभी पैरेंट्स से अपील की है वे अपने बच्चों को मास्क पहनाकर ही स्कूल भेजें। यदि हम इन (5वीं से लेकर 8वीं तक) कक्षाओं के लिए स्कूलों में क्लासेस के आयोजन में सफल होते हैं तो फिर अगले चरण में हम चौथी कक्षा तक के बच्चों के लिए भी फिजिकल क्लासेस पर विचार करेंगे।”
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य के स्कूलों में सीनियर कक्षाओं 9वीं से लेकर 12वीं तक के लिए खोले जाने की छूट 23 नवंबर को दी गयी थी। हालांकि, इस सम्बन्ध में अंतिम निर्णय लेने की जिम्मेदारी जिला प्रमुखों को दी गयी थी। इसी के चलते, ज्यादातर ग्रामीण इलाकों और नगरीय इलाकों जैसे पुणे, मुंबई और नासिक में स्कूलों को खोलने में देरी हुई। हालांकि, कई स्थानों पर स्कूलों को अब खोला गया है।