KVS 9th & 11th Exam: बिना परीक्षा के प्रोजेक्ट वर्क के जरिए प्रोमोट होंगे केवी के 9वीं और 11वीं में फेल छात्र
KVS 9th 11th Exam केवीएस ने इस बार कक्षा 9वीं और 11वीं में असफल छात्र-छात्राओं को प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर अगली कक्षा में प्रोमोट करने का निर्णय लिया है।
KVS 9th & 11th Exam: केंद्रीय विद्यालयों के कक्षा 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों के लिए गुड न्यूज़ है। केन्द्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने इस बार कक्षा 9वीं और 11वीं में असफल (Fail) होने वाले छात्र-छात्राओं को बिना किसी परीक्षा के प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर अगली कक्षा में प्रोमोट करने का निर्णय लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस संबंध में केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा एक आधिकारिक अधिसूचना भी जारी की गई है ।
बता दें कि आम तौर पर इन कक्षाओं में अधिकतम दो विषयों में असफल होने वाले विद्यार्थी को अगली कक्षा में प्रोमोट होने के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षा देनी पड़ती है। सप्लीमेंट्री परीक्षा में पास होने पर ही अगली कक्षा में प्रोमोट किया जाता है। लेकिन, इस बार सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं ली जाएगी। बता दें कि केवीएस ने कोविड-19 के मद्देनजर देश भर में बढ़ते मामलों को देखते हुए ये निर्णय सिर्फ इस वर्ष के लिए लिया है।
अब ऐसे प्रोमोट होंगे छात्र
बता दें कि केवीएस की संयुक्त आयुक्त प्रिया ठाकुर ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि अगर 9वीं और 11वीं के कोई छात्र सभी पांच विषयों में भी फेल घोषित होते हैं, तो स्कूल द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट वर्क के आधार उनका मूल्यांकन किया जाएगा। इसी आधार पर उन्हें अगली कक्षा में प्रोमोट किया जाएगा। छात्रों का मूल्यांकन लिखित परीक्षा के बिना ही प्रोजेक्ट वर्क के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया है। स्कूल स्तर पर सप्लीमेंट्री परीक्षा के माध्यम से एक और अवसर देने के सुझाव पर यह फैसला लिया गया है। इसके अंतर्गत, सभी इच्छुक फेल छात्रों को प्रोजेक्ट वर्क तैयार करना होगा। शिक्षक उसका मूल्यांकन कर नंबर देंगे। वहीं, संगठन ने इसका परिणाम करने के लिए 20 जुलाई, 2020 तक का समय निर्धारित किया है।
सिलेबस के आधार पर तय होगा प्रोजेक्ट वर्क टॉपिक्स
बता दें कि प्रोजेक्ट वर्क के टॉपिक्स सिलेबस के आधार पर ही दिए जाएंगे। प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए छात्रों को एक सप्ताह का समय दिया जाएगा। उसके बाद इसे ऑनलाइन माध्यम से सबमिट कराना होगा। संगठन ने स्पष्ट किया है कि प्रोजेक्ट वर्क छात्रों को स्वतंत्र रूप से और अपनी जिम्मेवारी पर पूरा करना होगा। हालांकि, संबंधित शिक्षकों को प्रोजेक्ट जमा करने वाले छात्रों से बातचीत करने और उसके बारे में सवाल-जवाब करने की अनुमति दी गई है।