HP Central University: हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने लिया बड़ा फैसला, सभी स्टूडेंट्स होंगे प्रमोट

HP Central University हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी (himachal Pradesh Central University) ने एक बड़ा फैसला लिया है।

By Nandini DubeyEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 11:25 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 11:43 AM (IST)
HP Central University: हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने लिया बड़ा फैसला, सभी स्टूडेंट्स होंगे प्रमोट
HP Central University: हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने लिया बड़ा फैसला, सभी स्टूडेंट्स होंगे प्रमोट

HP Central University: हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी (himachal Pradesh Central University) ने एक बड़ा फैसला लिया है। यूनिवर्सिटी ने शैक्षणिक सत्र 2019-20 के सभी छात्र-छात्राओं को प्रमोट करने का फैसला लिया है। इस संबंध में एचपी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आधिकारिक नोटिस में कहा गया है कि विश्वविद्यालय ने यूजी पाठ्यक्रमों के दूसरे और चौथे और पीजी पाठ्यक्रमों के लिए दूसरे सेमेस्टर के प्रमोट किया जाएगा। विश्वविद्यालय ने यह फैसला कोविड-19 संक्रमण की वजह से लिया गया है।

वहीं छात्र-छात्राओं को प्रमोट आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा यूनिवर्सिटी ने नोटिस में कहा गया है कि अगर छात्रों अगर अपने परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे तो उन्हें संबंधित विषय की परीक्षा देनी होगी। यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया है कि देश में कोविड -19 महामारी की स्थिति को स्थिर करती है।

गौरतलब है कि मार्च में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने की वजह से सभी स्कूल-कॉलेज सहित शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए थे। इसके साथ ही बोर्ड समेत प्रतियोगी परीक्षाओं को भी टालने का फैसला लिया गया था। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई थीं। हालांकि अब यूजीसी ने निर्देश दिए हैं कि सितंबर में फाइनल ईयर की परीक्षाएं होंगी। हालांकि परीक्षाएं कराने के इस आदेश पर मामला छात्र, अभिभावकों और अन्य नेताओं ने भी अपनी नाराजगी जताई थी। इन सबक कहना है कि कोरोना वायरस की महामारी के संकट में परीक्षाएं कराना जोखिम भरा हो सकता है। वहीं अब यह मामला न्यायालय पहुंच चुका है। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 10 अगस्त को निर्धािरत की है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने न्यायालय में दाखिल हलफनामे में अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर के अंत में कराने के निर्णय को उचित ठहराते हुये कहा है कि देश भर में छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को बचाने के लिये ऐसा किया गया है।

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