सफलता का मंत्र : नया सीखने के साथ ही स्किल अपग्रेडेशन चढ़ाएगा कामयाबी की सीढ़ियां

टॉपर डॉट कॉम के संस्थापक जीशान हयात के अनुसार कामयाबी का कोई एक मंत्र नहीं हो सकता इसलिए युवा मेहनत करने के साथ-साथ निरंतर कुछ नया सीखते रहें।

By TaniskEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 12:06 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 01:09 PM (IST)
सफलता का मंत्र : नया सीखने के साथ ही स्किल अपग्रेडेशन चढ़ाएगा कामयाबी की सीढ़ियां
सफलता का मंत्र : नया सीखने के साथ ही स्किल अपग्रेडेशन चढ़ाएगा कामयाबी की सीढ़ियां

नई दिल्ली, जेएनएन। इंजीनियरिंग एवं मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के लिए ऑनलाइन टेस्ट प्रिपरेशन की सुविधा देने वाले एडटेक स्टार्टअप ‘टॉपर डॉट कॉम’ ने कम समय में स्टूडेंट्स कम्युनिटी के बीच अपनी विश्वसनीयता कायम की है। टॉपर डॉट कॉम के संस्थापक जीशान हयात बताते हैं कि कामयाबी का कोई एक मंत्र नहीं हो सकता। मैं कड़ी मेहनत पर ध्यान देने के अलावा उन प्रोडक्ट्स का निर्माण करते रहना चाहता हूं, जिससे स्टूडेंट्स को फायदा हो। हमारी टीम इस मिशन पर लगातार कार्य कर रही है। बीते वर्ष हम एप के जरिये 20 लाख से अधिक स्टूडेंट्स तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं। युवाओं से कहना चाहूंगा कि मेहनत करें और निरंतर नया सीखते रहें। स्किल को अपग्रेड करने से फायदा ही मिलेगा...

मैं वैसे तो हैदराबाद से हूं, लेकिन आइआइटी से इंजीनियरिंग करने के लिए वर्ष 2000 में मुंबई आ गया था। 2005 में स्नातक करने के बाद चेन्नई में आइटीसी कंपनी में बतौर असिस्टेंट मैनेजर करियर की शुरुआत हुई। इसके बाद ओपेरा साल्युशंस में स्ट्रेटेजी ऐंड ऑपरेशंस कंसल्टिंग प्रोजेक्ट्स पर काम किया। बिजनेस की मेरी कोई पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं थी। लेकिन 2008 में मैंने एक दोस्त के साथ मिलकर चौपाटी बाजार शुरू किया, जो फोन कॉमर्स स्टार्टअप था यानी भारत की पहली पीढ़ी की ई-कॉमर्स कंपनी, जहां से होम अप्लायंस, बच्चों के सामान, किताबें, मैगजीन आदि खरीदे जा सकते थे। 2010 में फ्यूचर ग्रुप ने इसका अधिग्रहण किया। तब मैंने वीपी (प्रोडक्ट) के रूप में वहां अपनी सेवाएं दी।

स्टूडेंट्स के लिए उपयोगी एप
फ्यूचर ग्रुप में काम करने के दौरान मैंने महसूस किया कि देश में स्टूडेंट्स कैसे बड़ी रकम कोचिंग क्लासेज पर खर्च कर देते हैं। कुछ सर्वे एवं रिसर्च के बाद हमने पाया कि स्कूल में जो पढ़ाया जाता है और स्टूडेंट्स को जो जानना चाहिए, उसमें बड़ा अंतर है। इसमें कोचिंग क्लासेज कहीं से समाधान नहीं देते। स्टूडेंट्स को पर्सनलाइज्ड एजुकेशन की जरूरत होती है, जो उन्हें नहीं मिलती। इसके बाद ही टॉपर डॉट कॉम का आइडिया आया और हमने 2013 में इसका एप लॉन्च कर दिया। एप डाउनलोड करने के बाद सालाना फीस अदा कर क्लासवाइज स्टडी मैटीरियल मिल जाता है।

कॉरपोरेट अनुभव के फायदे
कॉरपोरेट में काम करने से पता चलता है कि एक बड़ी संस्था का ढांचा कैसा होता है, वह कैसे काम करती है? आइटीसी एवं ओरेकल के अनुभवों और एक्सपोजर से सीख पाया कि किसी चीज का कैसे समाधान निकाला जा सकता है। 

सोच-समझकर फंडिंग
मेरा मानना है कि उद्यमियों को अपने ग्राहकों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वे उनकी खुशियों को तवज्जो दें। सिर्फ अपने संतोष के लिए काम न करें। मैं एक एंजेल इनवेस्टर रहा हूं। मुझे पता है कि नए स्टार्ट अप के लिए फंड्स इकट्ठा करना आसान नहीं होता। अगर फंड्स मिल जाएं, तो उनका सावधानी से इस्तेमाल करना भी आना चाहिए। फंडिंग से अधिक बिजनेस पर ध्यान देने से फायदा होगा। किसी कंपनी में इनवेस्ट करने से पहले मैं उसके मार्केट, टीम और प्रोडक्ट तीनों को देखता हूं। मेरा मानना है कि देश में स्टार्टअप के लिए उपयुक्त माहौल है, लेकिन सरकार को भी अपने नियमों में कुछ नरमी लानी होगी। उन्हें एक फैसिलिटेटर के रूप में कार्य करना होगा,क्योंकि ग्रोथ के लिए फ्री बिजनेस एनवॉयर्नमेंट होना जरूरी है।

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