आज है संविधान दिवस, जानें 26 नवंबर को मनाये जाने का कारण, महत्व और इतिहास

Constitution Day 2021 बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जन्म-दिवस के अवसर पर वर्ष 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाये जाने की घोषणा की थी। तब से हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।

By Rishi SonwalEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 09:22 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 10:03 AM (IST)
आज है संविधान दिवस, जानें 26 नवंबर को मनाये जाने का कारण, महत्व और इतिहास
संविधान दिवस के अवसर पर हमें स्वतंत्र भारत का नागरिक होने की अहसास होता है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। आज, 26 दिसंबर 2021 को संविधान दिवस है। पूरे देश में संविधान दिवस हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है, क्योंकि आज ही के दिन भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा औपचारिक रूप से अपनाया गया था। संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था। हालांकि, भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसके बाद, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जन्म-दिवस के अवसर पर वर्ष 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाये जाने की घोषणा की थी। तब से हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।

“इस वर्ष, देश डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की 125वीं जयंती मना रहा है। 'संविधान दिवस' साल भर चलने वाले इन राष्ट्रव्यापी समारोहों का हिस्सा होगा। यह डॉ. अम्बेडकर को श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी," प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा 2015 में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है।

संविधान दिवस का महत्व

संविधान दिवस के अवसर पर हमें न सिर्फ स्वतंत्र भारत का नागरिक होने की अहसास होता है बल्कि संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों से हमें अपना हक मिलता है और साथ ही लिखित मूल कर्तव्यों से हमें नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया ट्वीट

संविधान दिवस 2021 के अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “कोई भी संविधान चाहे वह कितना ही सुंदर, सुव्यवस्थित और सुदृढ़ क्यों न बनाया गया हो, यदि उसे चलाने वाले देश के सच्चे, निस्पृह, निस्वार्थ सेवक न हों तो संविधान कुछ नहीं कर सकता। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की यह भावना पथ-प्रदर्शक की तरह है।” इसके साथ ही पीएम मोदी ने पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा हस्ताक्षरित संविधान पत्र को भी साझा किया।

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