CISCE ने 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट्स का बोझ किया कम, सिलेबस में 25 फीसदी तक की कटौती

CISCE कोविड-19 संक्रमण की वजह से हुए शैक्षणिक नुकसान की भरपाई करने के लिए CISCE ने एक बड़ा फैसला लिया है।

By Nandini DubeyEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 10:39 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 10:39 AM (IST)
CISCE ने 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट्स का बोझ किया कम, सिलेबस में 25 फीसदी तक की कटौती
CISCE ने 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट्स का बोझ किया कम, सिलेबस में 25 फीसदी तक की कटौती

CISCE: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने 9वीं से 12वींं तक के छात्र-छात्राओं के लिए बड़ा फैसला लिया है। कोविड-19 के दौरान स्कूल बंद होने से छूटी पढ़ाई की भरपाई करने के लिए बोर्ड ने एक उपाय निकाला है। इसके मुताबिक इन कक्षाओं का 25 फीसदी तक कोर्स में कटौती कर दी गई है, जिससे छात्र-छात्राओं के बोझ को थोड़ा कम किया जा सके। बता दें कि कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से मार्च से स्कूल-कॉलेज बंद चल रहे हैं। ऐसे में बहुत ज्यादा पढ़ाई का बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है।  

इस संबंध में सीआईसीएसई ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2020-2021 में पिछले तीन महीने के दौरान हुई पढ़ाई के नुकसान को भरने के लिए बोर्ड ने यह फैसला लिया है। हालांकि यह अलग बात है कि इस दौरान ऑनलाइन कक्षाओं को एक विकल्प बनाया गया था लेकिन इस दौरान भी काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इन सभी परिस्थतियों का आकलन करने के बाद बोर्ड ने यह फैसला लिया है। इससे 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को थोड़ी सहूलियत दी जा सके। बता दें कि इसके पहले सीबीएसई बोर्ड ने भी ऐसा ही फैसला लिया था। सीबीएसई ने भी 9वीं से 12वीं तक के कोर्स में 30 फीसदी तक की कटौती की है। हालांकि इसको लेकर बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि जिन टॉपिक्स या चैप्टर को कम किया गया है, उन्हें भी टीचर्स कक्षाओं में स्टूडेंट्स को समझाएंगे लेकिन इनके मार्क्स अंक इंटरनल अससमेंट और फाइनल एग्जाम में नहीं जोड़े जाएंगे।  

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