टेकसेवी युवाओं के लिए टेलीकम्युनिकेशन फील्ड में जॉब की अपार संभावनाएं...

Career as Telecom and Telecommunication लाकडाउन के दौरान जब सबकुछ ठप पड़ गया तो घरों में रहते हुए भी लोगों के डिजिटली कामकाज को गति देने के लिए इस सेक्टर ने कनेक्टिविटी प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराकर सबसे अधिक राहत दी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 02:38 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 02:41 PM (IST)
टेकसेवी युवाओं के लिए टेलीकम्युनिकेशन फील्ड में जॉब की अपार संभावनाएं...
टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होने की उम्मीद की जा रही है।

धीरेंद्र पाठक। Career as Telecom and Telecommunications देश का टेलीकॉम सेक्टर पिछले कुछ सालों से तेजी से आगे बढ़ रहा है। टेलीकॉम सेवाओं के बाद इसके कलपुर्जों की मैन्युफैक्चरिंग में भी देश को ग्लोबल हब बनाने के लिए सरकार ने अब कमर कस ली है। इस सेक्टर की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए हाल में केंद्र सरकार ने देश में ही टेलीकॉम सेक्टर के कलपुर्जों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 12,195 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत अगले पांच साल तक सरकार देश में प्रोडक्शन करने वाली कंपनियों को इंसेंटिव देगी। माना जा रहा है इससे प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर करीब 40 हजार रोजगार के मौके सामने आएंगे।

वैसे कोरोना संकट के बाद इस सेक्टर का महत्व काफी बढ़ गया है। वायरस का संक्रमण फैलने के डर से जब सभी स्कूल-कॉलेज, ऑफिसेज, इंडस्ट्रीज और परिवहन सेवाएं बंद थीं, लोगों की आवाजाही पर रोक थी, तब इसी सेक्टर ने लोगों को डिजिटली कनेक्ट रखा। अगर यह सेक्टर न होता, तो शायद ही आज हम वर्क फ्रॉम होम, वर्चुअल मीटिंग, ऑनलाइन क्लॉसेज, ऑनलाइन पेमेंट, ऑनलाइन गेमिंग/एंटरटेनमेंट जैसी सुविधाओं का घर बैठे लाभ उठा पाते। बिग डाटा, आइओटी, एआइ, एआर, क्लाउड तथा रोबोटिक्स जैसी नयी उभरती तकनीकें भी टेलीकॉम सेक्टर की ही देन हैं, जो आज लोगों की जिंदगी आसान बनाने के साथ-साथ उद्योगों को भी आगे बढ़ाने में काम आ रही हैं। यही वजह है कि बिजली-पानी और सड़क के बाद टेलीकॉम सेवाओं की भी गिनती अब आवश्यक सेवाओं के रूप में होने लगी है।

डाटा खपत से बढ़ती उम्मीदें: सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआइ) की रिपोर्ट की मानें, तो हाल के दो सालों में मोबाइल पर डाटा का उपयोग तेजी से बढ़ा है। घर की जरूरत की चीजें ऑनलाइन मंगाने या ऑनलाइन पेमेंट करने के अलावा आजकल तमाम स्टूडेंट मोबाइल पर ही ऑनलाइन क्लॉसेज लेने लगे हैं, परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, खुद के मनोरंजन के लिए ऑनलाइन गेमिंग तथा ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉम्र्स पर ऑनलाइन फिल्में देखने का मजा ले रहे हैं। खासतौर से कोरोना महामारी ने बड़ी संख्या में लोगों को डिजिटली अभ्यस्त बना दिया है। इससे डाटा का उपयोग कई गुना बढ़ गया है।

जॉब्स के अवसर: टेलीकॉम सेक्टर में व्हाइट कॉलर और ब्लू कॉलर सभी तरह के युवाओं के लिए करियर के मौके हैं। समुचित कोर्स और कुशलता हासिल करके टेक्निकल फील्ड में आप टेलीकॉम सॉफ्टवेयर इंजीनियर, टेलीकॉम सिस्टम सॉल्युशन इंजीनियर, कम्युनिकेशन इंजीनियर, टेक्निकल सपोर्ट प्रोवाइडर, नेटवर्क इंजीनियर के रूप में करियर बना सकते हैं। इसके अलावा, टेक्निशियन जैसे पदों के लिए यहां बहुत संभावनाएं हैं।

कोर्स एवं योग्यता: देश के विभिन्न संस्थानों में टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और डिप्लोमा के रूप में कोर्सेज संचालित हो रहे हैं, जिसे पीसीएम विषयों से १२वीं एवं ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल के सहयोग से संचालित जिला स्तरीय सेंटर्स से १०वीं पास युवा भी खुद को इस फील्ड में कुशल बना सकते हैं।

प्रमुख संस्‍थान

आइआइटी दिल्ली/खड़गपुर www.iitd.ac.in

बिड़ला इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस, पिलानी www.bits-pilani.ac.in

डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, महाराष्ट्र www.dbatuonline.com

सिम्बॉयोसिस इंस्टीटयूट ऑफ टेलीकॉम मैनेजमेंट, पुणे www.sitm.ac.in

टेलीकॉम में हर साल 10 लाख कुशल युवाओं की जरूरत: टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल के जनरल मैनेजर सुधीर कुमार जैन ने बताया कि भारतनेट, पीएम-वाणी जैसे भारत सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत इन दिनों सबसे अधिक टेलीकॉम नेटवर्क का काम हो रहा है, पूरे देश में कनेक्टिविटी के लिए आप्टिकल फाइबर की लाइन बिछायी जा रही है। इससे आने वाले 10 सालों तक हर साल कम से कम 10 लाख कुशल युवाओं की पूरे भारतवर्ष में आवश्यकता पड़ेगी।

हाल में पीआइएल स्कीम लॉन्च किये जाने से भी देश में बहुत तरह की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बन रही हैं, उसमें भी बहुत अधिक संख्या में टेलीकॉम के ट्रेंड युवाओं की जरूरत पड़ेगी। ट्रेंड और क्वालिफाइड युवाओं के ये अवसर मिल सकते हैँ। 5जी नेटवर्क की कनेक्टिविटी के लिए भी अलग टेक्नोलॉजी की जरूरत पड़ेगी, अलग तरह के टॉवर और इक्विपमेंटस को स्थापित करने के लिए बड़ी संख्या में प्रतिभाओं की आवश्यकता होगी। इसलिए आने वाले 10-15 सालों तक टेलीकॉम सेक्टर हमेशा बूस्ट पर रहेगा, जहां मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से लेकर टॉवर से जुड़ी कंपनियों या सर्विस प्रोवाइडिंग कंपनियों में रोजगार की अच्छी संभावनाएं सामने आएंगी।

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