सोशल मीडिया पर पहली कक्षा की कविता पर छिड़े विवाद के बाद NCERT ने दिया जवाब, पढ़ें डिटेल

पहली कक्षा की हिंदी पाठ्यपुस्तक में छपी एक कविता पर सोशल मीडिया में विवाद छिड़ने के बाद NCERT नेअपना स्पष्टीकरण दिया है।एनसीईआरटी ने अपने जवाब में लिखा है कि स्थानीय भाषाओं की शब्दावली को बच्चों तक पहुंचाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ये कविताएं शामिल की गई हैं।

By Nandini DubeyEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 09:24 AM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 09:27 AM (IST)
सोशल मीडिया पर पहली कक्षा की कविता पर छिड़े विवाद के बाद NCERT ने दिया जवाब, पढ़ें डिटेल
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (National Council of Educational Research & Training, NCERT)

एनसीईआरटी की पहली कक्षा की हिंदी पाठ्यपुस्तक में छपी एक कविता पर सोशल मीडिया में विवाद छिड़ने के बाद नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (National Council of Educational Research & Training, NCERT) ने अपना स्पष्टीकरण दिया है। एनसीईआरटी ने अपने जवाब में लिखा है कि स्थानीय भाषाओं की शब्दावली को बच्चों तक पहुंचाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ये कविताएं शामिल की गई हैं ताकि सीखना रुचिपूर्ण हो सके।

दरसअल पूरा मामला यूं है कि पहली कक्षा रिमझिम में छपी कविता ‘आम की टोकरी’ शीर्षक की इस कविता में सर पर आमों की टोकरी रखे उन्हें बेंचने ले जा रही छह साल की एक बच्ची के लिए ‘छोकरी’ शब्द (लड़की के लिए ग़ैर-अपमानजनक  शब्द) इस्तेमाल किए जाने पर सोशल मीडिया पर यूजर्स भड़क गए हैं। वहीं इसके विषय, ‘बाल श्रम’ को बढ़ावा देने का बताया जा रहा है। इस वजह से भी इस कविता की आलोचना की जा रही है। इस विषय पर आईएएस अवनीश शरण ने भी सोशल मीडिया पर आवाज उठाई थी। इसके बाद से कई अन्य लोगों ने इस कविता पर सवाल उठाए हैं।

इस संबंध में एनसीईआरटी ने अपना पक्ष रखते हुए दो ट्ववीट किए। एनसीईआरटी ने आधिकारिक जवाब में ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘कि पाठ्यपुस्तक में दी गई कविताओं के संदर्भ में एन.सी.एफ-2005 के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय भाषाओं की शब्दावली को बच्चों तक पहुंचाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ये कविताएं शामिल की गई हैं ताकि सीखना रुचिपूर्ण हो सके।

एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक में दी गई कविताओं के संदर्भ में: एन.सी.एफ-2005 के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय भाषाओं की शब्दावली को बच्चों तक पहुँचाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ये कविताएं शामिल की गई हैं ताकि सीखना रुचिपूर्ण हो सके।

— NCERT (@ncert) May 21, 2021

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इसी पाठ्यचर्या की रूपरेखा के आधार पर भविष्य में पाठ्यपुस्तकों का निर्माण किया जाएगा। — NCERT (@ncert) May 21, 2021

NCERT ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इसी पाठ्यचर्या की रूपरेखा के आधार पर भविष्य में पाठ्य पुस्तकों का निर्माण किया जाएगा।

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