उच्च शिक्षण संस्थानों की साख मजबूत बनाने को बनेगा एक्शन प्लान, रैंकिंग सुधारने में मिलेगी मदद
उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए भी मंत्रालय ने आइआइटी के डायरेक्टरों की अगुआई में एक कमेटी गठित करने की घोषणा की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना संकट के चलते उच्च शिक्षा के लिए हर साल विदेश जाने वाले लाखों छात्रों की राहें रुकते देख मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अब इन्हें देश में ही बेहतर विकल्प उपलब्ध कराने की योजना पर काम शुरू किया है। इसके तहत स्टडी इन इंडिया प्लान की नए सिरे से समीक्षा की जा रही है। साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों की साख को बेहतर बनाने और उन्हें विश्व रैं¨कग में जगह दिलाने के लिए एक नई योजना पर तेजी से काम शुरू किया गया है। इसके लिए एक्शन प्लान तैयार करने का काम चल रहा है।
इस बीच मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने देश में बनाए जाने वाले 20 उत्कृष्ट उच्च शिक्षण संस्थानों की प्रगति की भी समीक्षा की। मंत्रालय ने शुक्रवार को इस योजना में चुने गए सभी संस्थानों से विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तुरंत सौंपने के लिए कहा है। संस्थानों की प्रगति पर नियमित रूप से नजर रखने के लिए पंद्रह दिनों के भीतर ही एक टीम तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी (हेफा) को एमओयू के तहत इन सभी संस्थानों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया है।
आइआइटी डायरेक्टरों की अगुवाई में कमेटी गठन की घोषणा
उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए भी मंत्रालय ने आइआइटी के डायरेक्टरों की अगुआई में एक कमेटी गठित करने की घोषणा की है जो सभी उच्च शिक्षण संस्थानों की छवि को सुधारने और उन्हें विश्वस्तरीय रैंकिंग में जगह बनाने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार करेगी। पिछले वर्ष तक लाखों की संख्या में भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाते रहे हैं। वहां पढ़ाई पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करते हैं। सरकार का मानना है कि यदि इन छात्रों को भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों में ही रोक लिया जाता है, तो यह पैसा भी देश में ही रह जाएगा।