आलू की खेती करने से पहले जान लें उसकी ये उन्नत किस्में
आलुओं को अगर सब्जी का राजा कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। भारत के किसी ना किसी भाग में वैसे तो पूरे साल ही आलू की खेती की जाती है लेकिन मैदानी भागों में इसे मुख्य तौर पर रबी सीजन में ही उगाया जाता है।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। आलुओं को अगर सब्जी का राजा कहा जाए, तो कुछ गलत नहीं होगा। भारत के किसी ना किसी भाग में वैसे तो पूरे साल ही आलू की खेती की जाती है, लेकिन मैदानी भागों में इसे मुख्य तौर पर रबी सीजन में ही उगाया जाता है। जिसकी तैयारियां सितंबर से शुरू हो जाती हैं। सही माप के आलू के लिए छोटे दिन और लंबी रात्री वाला समय सही रहता है। तो चलिए अब जानते हैं आलू की उन किस्मों के बारे में, जिन्हें केंद्रीय आलू अनुसंधान शिमला की ओर से विकसित किया गया है।
कुफरी अलंकार
अगर इस किस्म के आलू उगाए जाएं, तो फसल 70 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 200-250 क्विंटल तक की उपज होती है।
कुफरी चंद्र मुखी
आलू की इस किस्म में फसल को तैयार होने में 80 से 90 दिन का वक्त लग जाता है। इसमें भी उपज प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 200 से 250 क्विंटल तक होती है।
कुफरी शील मान
आलू की इस किस्म में फसल को तैयार होने में 100 से लेकर 130 दिन तक का समय लग जाता है। वहीं उपज प्रति हेक्टेयर 250 क्विंटल तक होती है।
कुफरी नवताल जी 2524
इस किस्म में फसल 75 से 85 दिन में तैयार हो जाती है। इसमें भी प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल तक उपज होती है।
कुफरी बहार 3792
इस किस्म में फसल 90 दिनों से लेकर 110 दिन तक में तैयार होती है। हालांकि गर्मी के समय फसल तैयार होने में 100 से 135 दिन लग जाते हैं।
कुफरी देवा
इस किस्म की फसल 120 से 125 दिन में तैयार हो जाती है। इसे तैयार होने के बाद 300 से 400 क्विंटल तक उपज होती है।
कुफरी लवकर
इस किस्म में फसल 100 से 120 दिन में तैयार हो जाती है। वहीं प्रति हेक्टेयर 300 से 400 क्विंटल तक उपज होती है।
कुफरी सिंदूरी
इस किस्म की फसल तैयार होने में 120 से 125 दिन का वक्त लगता है। इसमें भी प्रति हेक्टेयर 300 से 400 क्विंटल तक उपज होती है।
कुफरी बादशाह
आलू की इस किस्म में फसल 100 से 130 दिन में तैयार होती है। वहीं उपज 250 से 275 प्रति हेक्टेयर तक होती है।
कुफरी स्वर्ण
इस किस्म के आलू में फसल 110 दिन में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल तक की उपज होती है।
कुफरी जवाहर जेएच 222
इस किस्म में फसल तैयार होने में 90 से 110 दिन लगते हैं। इसमें 250 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज होती है।
(यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।)