रेमडेसिविर की कालाबाजारी में वार्डब्वाय को 5 साल की कैद, बैग से बरामद हुए चोरी के इंजेक्‍शन

कोरोना के इलाज में प्रयोग होने वाली रेमडेसिविर समेत अन्‍य दवाईयों की कालाबाजारी के आरोप में नागपुर मे होप हास्पिटल के वार्ड ब्‍वॉय को पुलिस ने 5 साल की सजा सुनाई है साथ ही उस पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 07:44 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 07:44 AM (IST)
रेमडेसिविर की कालाबाजारी में वार्डब्वाय को 5 साल की कैद, बैग से बरामद हुए चोरी के इंजेक्‍शन
रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में वार्डब्‍वाय को सजा

मुंबई, राज्य ब्यूरो। कोरोना के इलाज में काम आने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर (Remdesivir) सहित कुछ और दवाओं की कालाबाजारी के आरोप में नागपुर के एक वार्डब्याय को कोर्ट ने 5 साल के सश्रम कारावास के साथ आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई है। इससे पहले 23 जुलाई को नागपुर में ही एक और वार्डब्वाय को रेमडेसिविर कालाबाजारी के ही मामले में तीन साल की सजा सुनाई जा चुकी है।

वार्ड ब्वाय शेख आरिफ शेख रफीक (22 वर्ष) नागपुर के होप हास्पिटल में काम करता था। इसी वर्ष कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 23 अप्रैल को जब उसके बैग की तलाशी ली गई तो बैग से दो रेमडेसिविर, चार पेंटाप्राजोल, एवं एक-एक मेरोपेनीम, पेप्रोसेलीन एवं सुसीनेक्स इंजेक्शन बरामद हुए। बताया जाता है कि ये सारे इंजेक्शन उसने होप हास्पिटल की ही फार्मेसी से चुराए थे, और जरूरतमंद मरीजों को इनकी कालाबाजारी करना चाहता था। इस घटना के बाद 24 अप्रैल को ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से शेख आरिफ के विरुद्ध 13 गवाह पेश किए गए थे। आज अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी.बी.घुगे ने उसे कई अलग-अलग धाराओं के तहत कुल पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुछ आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई। आर्थिक जुर्माना न भर पाने की स्थिति में उसे एक वर्ष और जेल में गुजारना होगा।

10 दिन के अंदर रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में नागपुर में ही दूसरे वार्डब्वाय को सजा सुनाई गई है। इससे पहले 23 जुलाई को एक अन्य वार्डब्वाय महेंद्र रतनलाल रंगारी को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। यह वार्डब्वाय नागपुर के क्रीडा चौक स्थित ओजस कोविड सेंटर में कार्यरत था।

chat bot
आपका साथी