Vaccination Camp Fraud: हीरानंदानी हाउसिंग सोसाइटी में फर्जी टीकाकरण के बाद वर्सोवा में भी सामने आया ठगी का मामला

Vaccination Camp Fraud पिछले माह मुंबई के कांदिवली में हीरानंदानी हाउसिंग सोसाइटी में फर्जी टीकाकरण अभियान का मामला सामने आया था इसमें मामले में दो आरोपियों गिरफ्तार भी किया गया है। इस घटना के बाद वर्सोवा में भी इसी तरह की धोखाधड़ी का एक और मामला सामने आया है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 08:06 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 08:06 AM (IST)
Vaccination Camp Fraud: हीरानंदानी हाउसिंग सोसाइटी में फर्जी टीकाकरण के बाद वर्सोवा में भी सामने आया ठगी का मामला
वर्सोवा में नकली कोविड-19 टीकाकरण अभियान का मामला

मुंबई,पीटीआइ। मुंबई के कांदिवली में हीरानंदानी हाउसिंग सोसाइटी, में पिछले माह नकली कोविड-19 टीकाकरण अभियान आयोजित करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार करने के बाद अब महानगर के वर्सोवा में इसी तरह की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।

फिल्म निर्माता संजय राउत राय ने वर्सोवा पुलिस को बताया है कि कांदिवली मामले के आरोपी संजय गुप्ता और राजेश पांडे ने अपनी एसपी इवेंट्स फर्म के माध्यम से 29 मई को अपने 150 कर्मचारियों और परिजनों के लिए टीकाकरण शिविर का आयोजन किया था और अस्‍पताल का प्रमाण पत्र दिलवाने का भी वादा किया था। लेकिन अ‍भी तक किसी को भी अंधेरी अस्पताल में टीकाकरण का कोई दस्तावेज नहीं दिया गया है।

राय ने अपनी शिकायत में कहा कि दोनों ने उन्हें बताया कि एक बैकलॉग के कारण टीकाकरण प्रमाण पत्र में देरी हो रही है और टीकाकरण शिविर के एक सप्ताह के भीतर वितरित किए जाएंगे, जबकि कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें टीकाकरण के बाद के किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं हुआ है जो बाद में अधिकतर लोगों को होता है।

वर्सोवा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक सिराज इनामदार ने कहा, "हमने राय की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की है और कांदिवली मामले में जमानत मिलने के बाद गुप्ता और पांडे को गिरफ्तार करेंगे। दोनों ने शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है, और उन पर आईपीसी प्रावधानों के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाया गया है।” 

गुप्ता, पांडे और कुछ अन्य लोगों ने 30 मई को कांदिवली पश्चिम में एक हाउसिंग सोसाइटी में एक टीकाकरण शिविर का आयोजन किया था और 390 निवासियों से 4.56 लाख रुपये लिए थे। हालांकि, निवासियों को जल्द ही कुछ गड़बड़ होने का संदेह होने लगा क्योंकि टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था और दवाई की खुराक लेने के बाद किसी भी व्‍यक्ति में कोई लक्षण नजर नहीं  आया था। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह ने नौ स्थानों पर इस तरह के फर्जी शिविर लगाए हैं और उनके द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण रैकेट की जांच चल रही है।

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