Jan Ashirwad Yatra: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने नवी मुंबई में बल्लालेश्वर गणपति मंदिर में दर्शन किए
Jan Ashirwad Yatra महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान नवी मुंबई में सोमवार को बल्लालेश्वर गणपति मंदिर में दर्शन किए। जन आशीर्वाद यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी है। .यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया।
मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान नवी मुंबई में सोमवार को बल्लालेश्वर गणपति मंदिर में दर्शन किए। इससे पहले केंद्रीय मध्यम व लघु उद्योग विकास मंत्री नारायण राणे ने गुरुवार को छह महीने बाद होने वाले मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनाव का बिगुल बजा दिया था। उन्होंने शिवसेना पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि 32 वर्षों के पाप का घड़ा भर चुका है। अगला बीएमसी चुनाव भाजपा जीतेगी। नारायण राणे ने अपनी जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत सांताक्रूज स्थित मुंबई विमानतल से की। उनकी यात्रा को महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने हरी झंडी दिखाई, लेकिन राणे की यात्रा का मुख्य आकर्षण रहा शिवाजी पार्क स्थित स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे के स्मृति स्थल पर जाकर शीश नवाना व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निवास क्षेत्र कलानगर जाकर उद्धव को ललकारना।
स्वर्गीय ठाकरे के स्मृति स्थल (जहां बाला साहब ठाकरे का अंतिम संस्कार किया गया था) पर शीश नवाने के बाद राणे ने कहा कि बाला साहब आज भले सशरीर मौजूद न हों, लेकिन अच्छे काम के लिए उनका आशीर्वाद सदैव उनके साथ है। आज मेरे पास एमएसएमइ मंत्रालय है। मैं इसके जरिए युवाओं को रोजगार देने का काम करूंगा। इसी क्रम में राणे ने कहा कि 32 वर्ष से बीएमसी पर शासन कर रही शिवसेना के पापों का घड़ा भर चुका है। इस बार यह चुनाव भाजपा जीतेगी। शिवसेना नेता विनायक राउत की ओर से पहले राणे के स्मृति स्थल पर जाने का विरोध किया गया था, लेकिन बाद में स्थानीय विधायक सदा सरवणकर ने यह कहते हुए विरोध न करने का निर्णय किया कि उन्हें पार्टी नेतृत्व की तरफ से राणे को रोकने का कोई निर्देश नहीं मिला है। राणे ने विनायक राउत के बयान को सीधे उद्धव ठाकरे से जोड़ते हुए कहा कि जो भी कहना हो, मुझसे सीधे कहो। अपने दाएं-बाएं बैठे लोगों से मत कहलवाओ। कोविड के दौरान राजनीतिक जमावड़े न करने के उद्धव के बयान के बारे में पूछे जाने पर राणे ने कहा कि जो लोग पिछले दरवाजे से सत्ता में आ गए हैं, उन्हें उपदेश नहीं देना चाहिए। जन आशीर्वाद यात्रा को मिल रहे जनसमर्थन से पता चलता है कि उनके दिन पूरे हो गए हैं।