RTI: हिंदू धर्म को कोई खतरा होने की बात 'काल्पनिक': गृह मंत्रालय

RTI गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र में नागपुर के कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुरे के आरटीआइ आवेदन के जवाब में स्पष्ट रूप से कहा है कि हिंदू धर्म के लिए किसी भी तथाकथित खतरे से संबंधित कोई रिकार्ड या सबूत नहीं है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:18 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 07:18 PM (IST)
RTI: हिंदू धर्म को कोई खतरा होने की  बात 'काल्पनिक': गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय ने कहा, हिंदू धर्म को कोई खतरा होने की बात काल्पनिक। फाइल फोटो

नागपुर (महाराष्ट्र), आइएएनएस। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने हिंदू धर्म के लिए किसी भी कथित खतरे को मात्र 'काल्पनिक' बताते हुए इस विषय से संबंधित सभी आशंकाओं और सवालों को प्रभावशाली ढंग से खत्म कर दिया है। भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय ने नागपुर के कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुरे के आरटीआइ (सूचना का अधिकार) आवेदन के जवाब में स्पष्ट रूप से कहा है कि हिंदू धर्म के लिए किसी भी तथाकथित खतरे से संबंधित कोई रिकार्ड या सबूत नहीं है। जबलपुरे ने 31 अगस्त को एक आरटीआइ के तहत देश में हिंदू धर्म के लिए खतरे का सुबूत मांगा जो कथित रूप से गृह मंत्रालय के पास था। एक महीने के बाद, गृह मंत्रालय के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी (सीपीआइओ) आंतरिक सुरक्षा वीएस राणा ने इस आशय का जवाब दिया कि वे हिंदू धर्म के लिए कथित खतरों के बारे में न तो जागरूक हैं और न ही उनके पास कोई सुबूत है।

जवाब में हल्की-सी नसीहत देते हुए कहा गया कि आरटीआइ अधिनियम के नियमों के अनुसार, जन सूचना अधिकारी (पीआइओ) केवल वही जानकारी दे सकते हैं जो उनके पास उपलब्ध है या जो उनके अधिकार क्षेत्र में आती है। हालांकि केंद्र के पास इस संबंध में कोई रिकार्ड नहीं है। राणा ने तर्क दिया कि जबलपुरे के 'काल्पनिक' प्रश्न को संतुष्ट करना संभव नहीं था, इसलिए इसे अमान्य माना गया। जबलपुरे ने कहा कि यह पहली बार है जब गृह मंत्रालय के एक प्रमुख पदाधिकारी ने कहा है कि हिंदू धर्म के लिए खतरे से संबंधित कोई भी प्रश्न काल्पनिक है और लिखापढ़ी में स्वीकार किया कि ऐसी किसी भी अटकल का समर्थन करने के लिए उनके पास कोई रिकार्ड नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भाजपा और उसके सहयोगी, निहित राजनीतिक लाभ के लिए, बहुसंख्यक हिंदुओं के बीच एक भय पैदा करना जारी रखते हैं कि उनका धर्म और धाíमक पहचान गंभीर खतरे में है। जबलपुरे ने कहा कि आरएसएस की प्रार्थना, नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे.., हिंदू धर्म और भारतमाता को बचाने के लिए है, जिसका देश भर में इसके सभी कार्यकर्ता रोजाना दो बार जाप करते हैं।

उन्होंने आश्चर्य जताया कि जब केंद्र ने पूरे विश्वास के साथ यह आश्वासन दिया है कि हिंदू धर्म को किसी भी तरह से कोई खतरा नहीं है, तो क्या आरएसएस इस तरह के विचारों को अपने सामान्य स्वयंसेवकों के दिमाग में दैनिक प्रार्थना के माध्यम से डाल सकता है। उन्होंने कहा कि वे इसे कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रहे हैं यह भारतीय संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। जबलपुरे का कहना है कि वे गृह मंत्रालय के अधिकारी राणा के बेहद आभारी हैं। उनका जवाब इस संवेदनशील मुद्दे पर सभी राजनीतिक विवादों को खत्म कर देगा और बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों को राहत देगा, जिनके नेता इन भ्रामक धमकियों पर एक दूसरे का गला पकड़ने पर आमादा रहते हैं।

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