उद्धव ठाकरे बोले, सीमा विवाद हल होने तक विवादित क्षेत्र बने केंद्र शासित प्रदेश, मुंबई को भी केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग

Maharashtra उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक की सीमा से लगे मराठी भाषी क्षेत्रों को तब तक केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाना चाहिए जब तक सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला नहीं दे देता।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 05:40 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 11:04 PM (IST)
उद्धव ठाकरे बोले, सीमा विवाद हल होने तक विवादित क्षेत्र बने केंद्र शासित प्रदेश, मुंबई को भी केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग
कर्नाटक की सीमा से लगे मराठी भाषी क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाएः उद्धव ठाकरे। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र से मांग की है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच चल रहा सीमा विवाद हल होने तक विवादित क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए। दोनों राज्यों के बीच यह मामला फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। मुंबई के सह्याद्रि गेस्टहाउस में डॉ. दीपक पवार द्वारा मराठी में लिखी गई पुस्तक ‘महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमावादः संघर्ष आणि संकल्प’ का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब तक जो हुआ, सो हुआ। अब हमें जीतने के लिए लड़ना होगा। हमें समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार काम करना होगा। सीमा विवाद का मामला फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। लेकिन कर्नाटक सरकार जिस तरह का व्यवहार कर रही है, उससे कोर्ट की अवमानना होती है। उन्होंने बेलगाम का नाम बदलकर बेलागावी कर दिया। उन्होंने यहां राज्य की दूसरी राजधानी बना ली। वहां विधानसभा बनाकर अधिवेशन भी बुला लिया।

उद्धव ने बुधवार को कहा कि जब दो राज्यों के बीच विवाद हो, और मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हो तो केंद्र को निष्पक्ष भूमिका निभानी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने तक दोनों राज्यों की सीमा पर बसे मराठी भाषी क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाना चाहिए। उद्धव ने कहा कि हमें मिलकर प्रयास करना होगा, ताकि मराठी भाषी क्षेत्रों को महाराष्ट्र में लाया जा सके। हमें जीत मिलने तक लड़ना होगा। यदि इस मामले का हल इस सरकार के रहते नहीं निकला, तो कभी नहीं निकलेगा। कर्नाटक में सरकार किसी भी पार्टी की आए, सीमा पर बसे मराठीभाषी लोगों के साथ दुर्व्यवहार नहीं रुकता।

इस पुस्तक के लोकार्पण समारोह में लगभग सभी दलों के नेता शामिल हुए। समारोह में उपस्थित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ही अंतिम सहारा है। हमें प्रभावशाली तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए। मुख्यमंत्री यह काम अच्छी तरह से कर रहे हैं। पवार ने भी उद्धव ठाकरे की बात को दोहराते हुए कहा कि हमें जीत के लिए लड़ना होगा। आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ आना होगा। इसके अलावा कोई चारा नहीं है। भाजपा नेता व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने भी कहा कि इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दल 100 फीसद एक साथ हैं। वर्षों से इस आंदोलन की अगुवाई करती आ रही महाराष्ट्र एकीकरण समिति ने इस अवसर पर नारा दिया रहेंगे तो महाराष्ट्र में, नहीं तो जेल में।

उद्धव ठाकरे की मांग के जवाब में कर्नाटक के डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी का कहना है कि मुंबई को कर्नाटक का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। केंद्र से आग्रह करता हूं कि विवाद हल होने तक मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया जाए।

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