Lockdown जैसी सख्‍ती के बीच मुंबई में फल-फूल रहा है नया व्‍यवसाय, 300-500 में मिल रही है RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट

Maharashtra Lockdown महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। ऐसे में अपने घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को महज 300-500 रुपये में COVID-19 नकारात्मक परीक्षण रिपोर्ट आसानी से मिल रही है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 08:21 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 09:53 AM (IST)
Lockdown जैसी सख्‍ती के बीच मुंबई में फल-फूल रहा है नया व्‍यवसाय, 300-500 में मिल रही है RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट
यात्रियों को महज 300-500 रुपये में COVID-19 नकारात्मक परीक्षण रिपोर्ट जारी मिल रही है।

मुंबई, मिड डे। मुंबई में लॉकडाउन (Lockdown) जैसे प्रतिबंध लगने के साथ ही कई प्रवासी श्रमिक ( Migrant labour) फिर से अपने गांवों की ओर लौटने लगे हैं। इसके लिए एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में जाने के लिए  COVID RT-PCR परीक्षण रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य है। इसी का फायदा उठाकर बिना किसी परीक्षण के नेगेटिव रिपोर्ट प्रदान करने का एक नया व्यवसाय भी खूब फल-फूल रहा है। घाटकोपर के गोपाल भुवन स्टॉप पर और बोरीवली के एसजीएनपी बस स्टॉप पर स्टिंग ऑपरेशन में, मिड-डे ने कई टूर और ट्रैवल ऑपरेटरों को गुजरात और राजस्थान जाने वाले यात्रियों को महज 300-500 रुपये में COVID-19 नकारात्मक परीक्षण रिपोर्ट जारी की।

 फर्जी COVID निगेटिव सर्टिफिकेट की व्यवस्था के लिए मंगलवार तड़के मीरा रोड में क्राइम ब्रांच द्वारा एक टूर बस ऑपरेटर का भंडाफोड़ किया गया। मिड डे के पत्रकारों ने मंगलवार को घाटकोपर पश्चिम में गोपाल भुवन बस स्टॉप और संजय गांधी नेशनल पार्क (SGNP) गेट पर वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (WEH) पर पर्यटन और ट्रैवल ऑपरेटरों के कार्यालयों का दौरा किया और स्टिंग ऑपरेशन किए।

  यहां 300 से  500 रुपये में  RT-PCR परीक्षण की नेगेटिव रिपोर्ट प्रदान की जा रही थी। बस में काम करने वालों ने कहा कि महाराष्ट्र से गुजरात के बीच पार करते समय केवल चौकियों पर परीक्षण रिपोर्ट की आवश्यकता होती है। उदयपुर जाने वाले घाटकोपर में एक बस के चालक ने कहा कि अगर सुरक्षा बहुत कड़ी है, तो उन लोगों को फर्जी रिपोर्ट के साथ चौकियों को पार करने के लिए स्थानीय नंबर प्लेट वाले वाहनों में स्थानांतरित कर दिया जाता है। यह मानते हुए कि स्थानीय वाहनों में क्षेत्र के निवासी होंगे, अधिकारी उनकी जांच नहीं करते हैं। चौकी पार करते ही यात्री फिर से बस में चढ़ जाते हैं। 

 बोरीवली के टूर ऑपरेटरों को खुद पर बहुत भरोसा था और उन्होंने कहा कि अगर कुछ गलत हुआ तो उनकी पूरी जिम्मेदारी होगी। इन बस ऑपरेटरों का कहना था कि उनकी नकली प्रमाण पत्र असली की तुलना में ज्‍यादा विश्‍वसनीय हैं। राज्‍य की सीमाओं पर तैनात पुलिसकर्मियों से मिलकर उन्‍होंने व्‍यवस्‍था की गई है। जबकि नियमों का पालन करने वालों बस ऑपरेटरों का घंटों इंतजार करना पड़ता है। 

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