Maharashtra: सचिन वाझे तीन अप्रैल तक एनआइए की हिरासत में, कहा-मुझे बनाया जा रहा बलि का बकरा

Maharashtra सचिन वाझे को स्पेशल एनआइए कोर्ट लाया गया। कोर्ट ने वाझे को तीन अप्रैल तक के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है। सचिन वाझे ने मुंबई में स्पेशल एनआइए कोर्ट के सामने कहा कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 04:57 PM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 05:07 PM (IST)
Maharashtra: सचिन वाझे तीन अप्रैल तक एनआइए की हिरासत में, कहा-मुझे बनाया जा रहा बलि का बकरा
सचिन वाझे तीन अप्रैल तक एनआइए की हिरासत में, कहा-मुझे बनाया जा रहा बलि का बकरा। फाइल फोटो

मुंबई, एएनआइ। Maharashtra: मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे को वीरवार को स्पेशल एनआइए कोर्ट लाया गया। एंटीलिया मामले में गिरफ्तार सचिन वाझे को कोर्ट ने तीन अप्रैल तक के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की हिरासत में भेज दिया है। सचिन वाझे ने मुंबई में स्पेशल एनआइए कोर्ट के सामने कहा कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है। इधर, ठाणे के सत्र न्यायालय ने महाराष्ट्र एटीएस को मनसुख हिरेन हत्याकांड की जांच तुरंत एनआइए को सौंपने के निर्देश दिए हैं। ठाणे की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पीपी इंगले ने एटीएस को यह निर्देश देते हुए उक्त मामले से संबंधित सभी कागजात व सबूत एनआइए को सौंपने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर, एनआइए ने अंटीलिया मामले में गिरफ्तार सचिन वाझे पर यूएपीए (अनलॉफुल एक्टविटीज प्रेवेंशन एक्ट) भी लगा दिया है।

एनआइए करेगी जांच

मजिस्ट्रेट पीपी इंगले ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में एटीएस के अधिकारी कोई भी जांच आगे न बढ़ाएं, व सभी संबंधित दस्तावेज और रिका‌र्ड्स अविलंब एनआइए अधिकारियों को उपलब्ध कराएं। एनआइए की ओर से एडीशनल सॉलीसिटर जनरल अनिल सिंह ने कोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी एनआइए को मनसुख हिरेन की जांच करने के निर्देश दिए, जबकि एटीएस की वकील सुपारे ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से एटीएस को यह मामला एनआइए को हस्तांतरित करने के कोई निर्देश नहीं मिले हैं। लेकिन दोनों पक्षों को सुनने के बाद जज ने कहा कि 20 मार्च को केंद्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के बाद एनआइए एक्ट की धारा-8 के अनुसार इस मामले की जांच उसे फौरन सौंपी जानी चाहिए।

विनायक शिंदे ने कबूला, सचिन वाझे ही है मास्टरमाइंड

कोर्ट के आदेश में कहा गया कि 22 मार्च को ही महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को इस बात की सूचना प्राप्त हो चुकी है। इस पत्र की प्रति एटीएस को भी मिल चुकी है। 23 मार्च को पुलिस महानिदेशक यह मामला एनआइए को सौंपने की सूचना राज्य सरकार को भी दे चुके हैं। 20 मार्च को केंद्र सरकार का आदेश आने के अगले दिन 21 मार्च को ही एटीएस ठाणे की टीम ने मनसुख हिरेन मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्हें 30 मार्च तक एटीएस की हिरासत भी मिली हुई है। गिरफ्तार आरोपितों में से एक विनायक शिंदे के साथ एटीएस सीन रीक्रिएशन भी कर चुकी है। विनायक ने यह कुबूल किया कि इस मामले का मास्टरमाइंड अंटीलिया मामले में गिरफ्तार सचिन वाझे ही है। वाझे के निर्देश पर ही उसने अंटीलिया के निकट मिली स्कार्पियो के कथित मालिक मनसुख हिरेन की हत्या की थी। एनआइए इन दोनों मामलों को जोड़कर उनकी जांच करना चाहती है, ताकि इसके पीछे के मुख्य साजिश रचने वालों का पता लगाया जा सके।

सचिन वाझे को हो सकती है उम्रकैद 

सचिन वाझे पर बुधवार को एनआइए द्वारा लगाए गए अनलॉफुल एक्टविटीज प्रेवेंशन एक्ट (यूएपीए) के कारण एनआइए को अब वाझे को लंबे समय तक हिरासत में रखने का मौका मिल गया है। यह एक्ट लगने के बाद एनआइए वाझे को 30 दिन तक अपनी हिरासत में रख सकती है। साथ ही, उसे आरोपपत्र दाखिल करने के लिए 90 दिन का समय मिल सकता है। एनआइए ने वाझे पर यूएपीए एक्ट की धाराएं 16 एवं 18 लगाई हैं। ये आतंकवाद से संबंधित धाराएं है। इनमें दोषी पाए जाने पर वाझे को उम्र कैद या कम से कम पांच वर्ष तक की सजा हो सकती है।

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