Maharashtra: सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ती देसाई को पुलिस ने शिरडी जाते समय हिरासत में लिया
Maharashtra पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ती देसाई व उनके संगठन के कुछ सदस्यों को शिरडी जाते समय हिरासत में ले लिया। सूत्रों के मुताबिक तृप्ती व उनके संगठन के सदस्य साईंबाबा मंदिर के बाहर लगाए गए बोर्ड को हटाने के लिए शिरडी जा रहे थे।
मुंबई, प्रेट्र। Maharashtra: महाराष्ट्र में वीरवार को पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ती देसाई व उनके संगठन के कुछ सदस्यों को शिरडी जाते समय हिरासत में ले लिया। सूत्रों के मुताबिक, तृप्ती व उनके संगठन के सदस्य साईंबाबा मंदिर के बाहर लगाए गए बोर्ड को हटाने के लिए शिरडी जा रहे थे, जिस पर लिखा था कि श्रद्धालु 'सभ्य' तरीके से कपड़ा पहनें। बताया जाता है कि तृप्ती देसाई ने यहां आने से पहले मंदिर के बाहर रखे गए बोर्ड को हटाने की भी चेतावनी दी थी। इसके बावजूद जब इस बोर्ड को नहीं हटाया गया तो तृप्ती ने यहां पहुंचने की कोशिश की। इस दौरान मगर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
गौरतलब है कि तृप्ति देसाई ने सबरीमाला के अलावा मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह, महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर, नासिक के त्र्यंबकेश्वर, कोल्हापुर के महालक्ष्मी और कपालेश्वर और मंदिरों के द्वार महिलाओं के लिए खुलवा दिए थे। 2010 में महिलाओं के हक के लिए पुणे में ‘भूमाता रणरंगिणी ब्रिगेड’ की स्थापना करने वाली तृप्ति ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। धार्मिक स्थलों पर महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने सक्रिय मुहिम छेड़ दी। हैरतअंगेज साबित होने वाली यह मुहिम अंतत: कारगर साबित होती दिखी। कई जगहों पर महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हटती गई। नकी इस ब्रिगेड 5000 से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं। सबरीमाला मंदिर में भी महिलाओं को प्रवेश करने और पूजा करने की अनुमति मिलने के पीछे सबसे अहम योगदान तृप्ति देसाई का रहा था।
तब तृप्ति ने कहा था कि मुझे सोशल मीडिया पर खुलेआम जान से मारने की सैकड़ों धमकियां मिल चुकी हैं। इससे पहले मुझ पर दो बार जानलेवा हमला भी हुआ, लेकिन मैं शिकायत नहीं कराना चाहती क्योंकि मैं इस विरोध को समझती हूं। जो पहले सख्त विरोध में थे, ऐसे अनेक पुरुष पत्नी सहित शनि शिंगणापुर में दर्शन करने जा रहे हैं। वे मुझसे पूरी तरह सहमत हैं। मुझे धन्यवाद देते हैं, इसलिए मैं शिकायत नहीं करना चाहती बल्कि सोच बदलना चाहती हूं।