शिवसेना नेता संजय राउत का भाजपा पर आरोप कहा- शिवसेना से किया गया गुलामों जैसा बर्ताव

शिवसेना (Shivsena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने जलगांव में एक बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा (BJP) पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने सत्‍ता में रहते हुए हमसे गुलामों (Slave) जैसा व्‍यवहार किया और हमारी मौजूदगी को मिटाने का प्रयास किया।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:44 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 10:54 AM (IST)
शिवसेना नेता संजय राउत का भाजपा पर आरोप कहा- शिवसेना से किया गया गुलामों जैसा बर्ताव
शिवसेना सांसद संजय राउत ने भाजपा पर आरोप लगाया

जलगांव, एएनआइ। शिवसेना सांसद संजय राउत ने जलगांव में रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना से गुलाम की तरह व्‍यवहार किया जाता था। 2014 से 2019 तक जब महाराष्ट्र में भाजपा सत्ता में थी, उस दौरान शिवसेना को राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश की गई थी। संजय राउत ने पार्टी कार्यालय में एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बीते पांच वर्षों में शिवसेना के सत्‍ता में रहने के बावजूद भी ग्रामीण इलाकों से शिवसेना की मौजदूगी को मिटाने का प्रयास किया गया और हमारे साथ गुलामों जैसा बर्ताव किया गया।

बता दें कि संजय राउत की ये टिप्‍पणी बीते दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के कई दिन बाद आई है। इस बैठक के बाद से लगातार राजनीतिक अटकलें लगायी जा रही हैं। जबकि पीएम के साथ हुई इस बैठक को लेकर मुख्‍यमंत्री ठाकरे का कहना है कि, हम (भाजपा और शिवसेना) राजनीतिक रूप से एक साथ नहीं जुड़ सकते लेकिन इसका अर्थ ये बिलकुल भी नहीं है कि हमारा रिश्‍ते टूट गए हैं। मैं कोई पाकिस्‍तान में नवाज शरीफ से नहीं मिलने गया था, मैं पीएम से व्‍यक्तिगत रूप से मिलने गया था और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

संजय राउत ने मुख्‍यमंत्री ठाकरे की पीएम मोदी से मुलाकात के बाद से शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सरकार में मची हलचल को लेकर कहा कि, यह एक मात्र अफवाह है कि शिवसेना के मुख्‍यमंत्री को बदल दिया जाएगा। जब तीन राजनीतिक दलों ने मिलकर सरकार बनाई है तो सबने मिलकर निर्णय लिया कि कि मुख्यमंत्री पांच साल के लिए उद्धव ठाकरे ही होंगे।

संजय राउत ने साफ किया कि ये तीन दलों का विलय नहीं है बल्कि गठबंधन है। हर दल अपने विस्‍तार और खुद को मजबूत करने के लिए पूरी तरह से स्‍वतंत्र है। हर चुनाव एक साथ लड़ने के लिए हम प्रतिबद्ध नहीं हैं। स्‍थानीय चुनावों का निर्णय स्‍थानीय नेता लेता है, हम तो बस लोकसभा और राज्य चुनावों के लिए रणनीति बनाते हैं। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के पश्‍चात भाजपा-शिवसेना गठबंधन खत्‍म हो गया था।

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