शिवसेना ने भी कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत बताई
Maharashtra सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है। उसके अनुसार कांग्रेस नेतृत्व पर भ्रम की स्थिति भी पंजाब समस्या के लिए उतनी ही जिम्मेदार है जितनी कि भारतीय जनता पार्टी।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस की अंदरूनी कलह में कूदते हुए शिवसेना ने भी कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत पर जोर दिया है। शिवसेना का यह भी मानना है कि कांग्रेस के पुराने नेताओं ने भाजपा से सांठगांठ कर रखी है, ताकि राहुल गांधी कांग्रेस में सकारात्मक बदलाव न ला सकें। महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के सहयोग से सरकार चला रही शिवसेना पहली भी कांग्रेस पर तंज कसती रही है। इन दिनों पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह पर शुक्रवार को फिर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए टिप्पणी की है। सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है। उसके अनुसार कांग्रेस नेतृत्व पर भ्रम की स्थिति भी पंजाब समस्या के लिए उतनी ही जिम्मेदार है, जितनी कि भाजपा। सामना ने सवाल किया है कि बिना सिर के धड़ का भला क्या उपयोग हो सकता है ? सामना के अनुसार कांग्रेस बीमार है, और उसका इलाज चल रहा है। लेकिन यह इलाज सही है या गलत है, इसपर पुनर्विचार करने की जरूरत है।
सामना राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहता है कि राहुल गांधी इस जर्जर महल (कांग्रेस) का रिसाव दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कुछ पुराने जमींदार नए लोगों को काम नहीं करने देना चाहते। वे इस महल की कई पुरानी चीजों पर अपना दावा जताने लगे हैं। अब यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी के इन पुराने नेताओं ने भाजपा से सांठगांठ कर रखी है, और वे कांग्रेस को डुबाना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में यदि पार्टी में कोई कमांडर नहीं होगा, तो वह कैसे लड़ेगी ? सामना यह भी मानता है कि कुछ बुद्धिमान एवं वरिष्ठ कांग्रेसियों की मांग गलत नहीं है। संपादकीय के अनुसार राहुल गांधी ने एक दलित नेता पंजाब का मुख्यमंत्री बनाकर एक मजबूत कदम उठाया है। लेकिन अब उनके ही करीबी नवजोत सिंह सिद्धू उनके लिए समस्या खड़ी करने लगे हैं। सामना ने राहुल गांधी को सलाह दी है कि कुछ ही वर्ष पहले कांग्रेस में प्रवेश करने वाले सिद्धू पर उन्हें इतना भरोसा नहीं करना चाहिए।