Maharashtra: शिरडी साईबाबा मंदिर ने आनलाइन जालसाजी का पता लगाया
Maharashtra एसएसएसटी के प्रवक्ता एकनाथ गोंडकर ने कहा कि हमें वाट्सएप फेसबुक व अन्य इंटरनेट मीडिया समूहों पर कुछ संदेश होने की सूचना मिली। इसमें आम लोगों से पूजा आरती प्रसाद इत्यादि के लिए लोगों से चंदा मांगा गया था। हमने पाया कि ये सभी लोग जालसाजी कर रहे हैं।
अहमदनगर, आइएएनएस। Maharashtra: श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट (एसएसएसटी) शिरडी ने साईबाबा के नाम पर श्रद्धालुओं से आनलाइन दान लेने में जालसाजी का पता लगाया है। पिछले सप्ताह एसएसएसटी के अधिकारियों को शिकायत मिली थी कि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कुछ लोग खुद को मंदिर का प्रतिनिधि बताकर आनलाइन दान करने के लिए कहते हैं। एसएसएसटी के प्रवक्ता एकनाथ गोंडकर ने कहा, 'हमें वाट्सएप, फेसबुक एवं अन्य इंटरनेट मीडिया समूहों पर कुछ संदेश होने की सूचना मिली। इसमें आम लोगों से पूजा, आरती, प्रसाद इत्यादि के लिए आम लोगों से चंदा मांगा गया था। हमने पाया कि ये सभी लोग जालसाजी कर रहे हैं।'
इस पर ध्यान देते हुए एसएसएसटी सीईओ कान्हुराज भागटे ने स्पष्ट किया कि पांच अप्रैल से ही श्री साईबाबा समाधि मंदिर सभी श्रद्धालुओं के लिए बंद है। ऐसी स्थिति में श्री साईबाबा सेवाभावी संस्थान, शिरडी जैसे फर्जी और गुमनाम संस्थान आनलाइन चंदा मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसएसएसटी किसी भी तरह इस तरह के आयोजन नहीं कर रहा है और आनलाइन चंदा नहीं ले रहा है।
गौरतलब है कि दिसंबर, 2020 में महाराष्ट्र के शिरडी में स्थित साईबाबा मंदिर ने बोर्ड लगाकर श्रद्धालुओं से सभ्य या फिर भारतीय संस्कृति के अनुसार परिधान में आने की अपील की है। मंदिर ने कहा है कि पवित्र स्थलों पर जब भी आप पूजा-अर्चना के लिए आते हैं उस समय परिधान सभ्य होना चाहिए। संपर्क करने पर श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी कन्हुराज बागटे ने मंगलवार को कहा कि यह सिर्फ एक अपील है और ट्रस्ट श्रद्धालुओं पर कोई ड्रेस कोड नहीं थोप रहा है।उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की ओर से यह शिकायत की गई थी कि कुछ लोग तीर्थस्थल में आपत्तिजनक परिधान में आते हैं। साईबाबा का मंदिर अहमदनगर जिले के शिरडी में स्थित है। उन्होंने कहा, 'चूंकि यह एक पवित्र स्थल है, इसलिए हमने श्रद्धालुओं से सभ्य परिधान में या भारतीय संस्कृति के अनुसार के परिधान में आने की अपील की है। अहमदनगर जिले में स्थित शिरडी के साईं मंदिर में कुछ लोग आपत्तिजनक पोशाक में आते हैं। हमने अपील की है कि श्रद्धालु भारतीय संस्कृति के अनुसार सभ्य वेश धारण कर मंदिर में आएं।