Maharashtra Politics: शरद पवार बोले, महाराष्ट्र सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और फिर से सत्ता में आएगी
पुणे में एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि सीबीआइ ईडी आईटी एनसीबी जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है। केंद्र गैर भाजपा शासित राज्यों को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। महाराष्ट्र की सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और फिर से सत्ता में आएगी।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व रक्षामंत्री शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार न सिर्फ अपना कार्यकाल पूरा करेगी, बल्कि फिर से सत्ता में आएगी। शरद पवार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कार्यक्षेत्र बढ़ाए जाने के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह का विचार जानने के लिए जल्दी ही उनसे मुलाकात करेंगे। हाल ही में केंद्र सरकार ने पंजाब, पश्चिम बंगाल व असम जैसे सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ का कार्यक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर अंदर तक कर दिया है। अब बीएसएफ को 50 किलोमीटर के क्षेत्र तक तलाशी लेने व गिरफ्तार करने के लिए राज्य या केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। पहले यह सीमा 15 किलोमीटर तक ही निर्धारित थी। केंद्र सरकार ने कहा है कि यह परिवर्तन आतंकवाद व सीमापार से होनेवाले अपराध पर नियंत्रण के लिए किया गया है। हालांकि महाराष्ट्र की कोई भी सीमा अंतरराष्ट्रीय सीमा से नहीं मिलती, लेकिन माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल व पंजाब जैसे गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए ही शरद पवार इस मुद्दे पर अमित शाह से मुलाकात की योजना बना रहे हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
शरद पवार ने शनिवार को पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ में पत्रकारों से बात करते हुए फिर महाराष्ट्र में केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अजीत पवार की तीन बहनों के घर पर आयकर विभाग ने कार्रवाई की। उनका काम दो-तीन घंटे में ही खत्म हो गया था, लेकिन वह पांच दिन तक वहां डेरा डाले रहे। उन्हें वहां रुकने के लिए कहा गया। किसी प्रकार की जांच होना गलत नहीं है, लेकिन उन्हें रुकने के लिए बोला जाना एजेंसियों का दुरुपयोग है। पवार ने कहा कि नवाब मलिक उनकी पार्टी के प्रवक्ता है। वे लगातार केंद्र सरकार के कार्यों पर टिप्पणियां करते रहते हैं। सरकार उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। इसलिए उनके दामाद के विरुद्ध एनसीबी की कार्रवाई करवाई गई। उसे गिरफ्तार किया गया। कहा गया कि उसके पास से गांजा बरामद हुआ है, लेकिन अब कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि उसके पास से गांजा नहीं मिला था। पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी, आईटी, एनसीबी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके गैरभाजपाई सरकारों को अस्थिर करना चाहती है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार न सिर्फ अपना कार्यकाल पूरा करेगी, बल्कि फिर से सत्ता में आएगी।
नवाब मलिक ने फिर घेरा एनसीबी को
नवाब मलिक ने शनिवार को भी एनसीबी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि एनसीबी के अधिकारी अपने दोस्तों को पंच के रूप में पेश कर लोगों के विरुद्ध फर्जी मामले बनाती है। उन्होंने फ्लेचर पटेल नामक एक व्यक्ति के नाम का उल्लेख करते हुए कहा कि वह एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े का पारिवारिक मित्र है। एनसीबी के तीन अलग-अलग पंचनामों में उसे पंच बनाया गया है। मलिक ने सवाल उठाया है कि क्या किसी एनसीबी अधिकारी के पारिवारिक मित्र को पंच बनाया जा सकता है ? क्या यह कानूनन सही है ? मलिक ने समीर वानखेड़े के परिवार के सदस्यों के साथ फ्लेचर पटेल की तस्वीरें भी सार्वजनिक की हैं। नवाब मलिक इससे पहले शाह रुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी के समय दो बाहरी व्यक्तियों की मौजूदगी पर भी सवाल उठा चुके हैं। तब एनसीबी ने यह कहकर अपना बचाव किया था कि ये दोनों लोग स्वतंत्र गवाह थे।
पवार के ठिकानों पर छापे से 184 करोड़ के काले धन का पता चला
मुंबई, आइएएनएस। आयकर विभाग ने कहा है कि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य के ठिकानों पर की गई छापेमारी से उसने लगभग 184 करोड़ रुपये के काले धन का पता लगाया है। आयकर विभाग ने पिछले सप्ताह कम से कम 70 ठिकानों पर छापेमारी की थी। विभाग ने पुणे और बारामती के साथ-साथ गोवा और जयपुर में एक साथ कार्रवाई के दौरान मुंबई की दो रियल्टी कंपनियों और उनसे जुड़े अन्य अज्ञात व्यक्तियों/संस्थाओं के ठिकानों पर छापेमारी की थी। लगभग 184 करोड़ रुपये के दो रियल्टी समूहों से बेहिसाब और बेनामी लेनदेन, आपत्तिजनक दस्तावेज आदि का पता लगाया था। विभाग ने कहा कि इस कार्रवाई से उन्हें कंपनियों के एक समूह के माध्यम से आगे के लेनदेन का पता चला, जो संदिग्ध प्रतीत होता है। धन के प्रवाह के प्रारंभिक विश्लेषण से समूह में बेहिसाब धन को संदिग्ध तरीकों जैसे नकली शेयर प्रीमियम, संदिग्ध असुरक्षित ऋण, कुछ सेवाओं के लिए अप्रमाणित अग्रिम की प्राप्ति, बिना किसी विवाद के मध्यस्थता सौदों आदि का पता चलता है। विभाग ने कहा कि धन का ऐसा संदिग्ध प्रवाह महाराष्ट्र के एक प्रभावशाली परिवार की संलिप्तता से हुआ है। हालांकि, विभाग ने संबंधित परिवार की पहचान उजागर नहीं की। उल्लेखनीय है कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार ने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना की थी।