शरद पवार ने की थी लखीमपुर घटना की तुलना जलियांवालाकांड से, कहा- इसके बाद पड़े अजीत पवार के यहां छापे
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मैंने लखीमपुर में हुई हिंसक घटनाओं की तुलना जलियांवाला बाग कांड से की थी इसके बाद अजीत पवार और उनकी बहनों के प्रतिष्ठानों पर आयकर के छापे डाले गए। केंद्र सरकार आघाड़ी सरकार को परेशान करने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि लखीमपुर की घटना के बाद उनके द्वारा दिए गए एक बयान के कारण महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार एवं उनकी बहनों के प्रतिष्ठानों पर आयकर के छापे पड़े हैं। लखीमपुर में हुई हिंसक घटनाओं के बाद शरद पवार ने दिल्ली में प्रेस से बात करते हुए उन घटनाओं की तुलना जलियांवाला बाग कांड से की थी।
केंद्र सरकार कर रही है परेशान
आज पवार ने कहा कि उनके इसी बयान के कारण अजीत पवार एवं उनकी बहनों के प्रतिष्ठानों पर आयकर के छापे डाले गए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या लोकतंत्र में अपने विचार रखने का भी अधिकार नहीं है ? बता दें कि अजीत पवार शरद पवार के भतीजे हैं। गुरुवार को अजीत पवार एव उनकी तीन बहनों के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर आयकर के छापे पड़े थे। राकांपा नेता ने आज कहा कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार को परेशान करने का कोई अवसर छोड़ नहीं रही है। वह केंद्र से राज्यों को मिलने वाली धनराशि में भी महाराष्ट्र को उसका सही हिस्सा नहीं दे रही है।
भाजपा को रास्ते से हटाने की जरूरत
पवार ने शुक्रवार को सोलापुर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को रास्ते से हटाने की जरूरत है। उन्होंने हाल के जिला परिषद एवं पंचायत समितियों के उपचुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि इन चुनावों में महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों ने अलग-अलग लड़कर भी 70 फीसद सीटों पर विजय हासिल की है। उन्होंने कहा के मेरे दिमाग में कोई भ्रम नहीं है कि यदि ये तीनों दल एक साथ लड़ें तो और बेहतर परिणाम आ सकते हैं। अब हमें विचार करना चाहिए कि भविष्य के चुनाव कैसे लड़े जाएं। पवार ने भाजपा को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि 11 अक्तूबर को महाविकास आघाड़ी की ओर से बुलाया गया महाराष्ट्र बंद सफल होगा। लेकिन यह शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए।
दूसरी ओर शरद पवार की पुत्री एवं बारामती से लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने भी आज अपने चचेरे भाई अजीत पवार के प्रतिष्ठानों पर पड़े आयकर के छापों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हम लोग वर्षों सत्ता में रहे हैं। लेकिन हमने कभी अपने राजनीतिक विरोधियों को अपने दुश्मन की तरह नहीं देखा। क्योंकि हमारी परवरिश यशवंतराव चह्वाण की छत्रछाया में हुई है।