Maharashtra: जबरन वसूली के मामले में क्राइम ब्रांच की हिरासत में सचिन वाझे

Maharashtra मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को अवैध वसूली मामले में सोमवार को एस्प्लेनेड कोर्ट लाया गया। कोर्ट ने मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को छह नवंबर तक क्राइम ब्रांच की हिरासत में भेजा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 01 Nov 2021 03:31 PM (IST) Updated:Mon, 01 Nov 2021 03:31 PM (IST)
Maharashtra: जबरन वसूली के मामले में क्राइम ब्रांच की हिरासत में सचिन वाझे
जबरन वसूली के मामले में मुंबई पुलिस की हिरासत में सचिन वाझे। फाइल फोटो

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को अवैध वसूली मामले में सोमवार को कोर्ट लाया गया। क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में इस मामले में सचिन की 10 दिन की हिरासत मांगी है। कोर्ट ने मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को छह नवंबर तक क्राइम ब्रांच की हिरासत में भेजा। गौरतलब है कि 49 वर्षीय सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे को इस साल मार्च में उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास विस्फोटकों से लदी एक एसयूवी की बरामदगी और ठाणे के व्यवसायी मनसुख की हत्या के मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। गोरेगांव पुलिस थाने में दर्ज रंगदारी मामले की जांच कर रही मुंबई अपराध शाखा ने विशेष अदालत से उसकी हिरासत की मांग करते हुए कहा था कि इस मामले में आगे की जांच जरूरी है। 

जानें, क्या है मामला

बिल्डर सह होटल व्यवसायी बिमल अग्रवाल की शिकायत पर सचिन वाझे, परम बीर सिंह और अन्य के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज किया गया है। चार अन्य सुमित सिंह उर्फ ​​चिंटू, अल्पेश पटेल, विनय सिंह उर्फ ​​बबलू और रियाज भाटी को भी मामले में आरोपित बनाया गया है। अग्रवाल की शिकायत के अनुसार, आरोपित ने दो बार और रेस्तरां पर छापेमारी नहीं करने के लिए उससे नौ लाख रुपये की उगाही की, जिसे वह साझेदारी में चलाता था, और उसे उनके लिए लगभग 2.92 लाख रुपये के दो स्मार्टफोन खरीदने के लिए भी मजबूर करता था। पुलिस ने पहले कहा था कि यह घटना जनवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच हुई थी। इसके बाद छह आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384 और 385 (दोनों जबरन वसूली से संबंधित) 34 (सामान्य इरादे) के तहत मामला दर्ज किया गया था और मामले की जांच जारी है। मुंबई के एंटीलिया मामले में गिरफ्तार सचिन वाझे ने ईडी के सामने खुलासा करते हुए बताया था कि 2020 में मुंबई में 10 डीसीपी के तबादले के आदेश को रुकवाने के लिए दो मंत्रियों ने 40 करोड़ रुपये लिए थे। 

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