Maharashtra: विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए महाराष्ट्र में आरटी-पीसीआर जरूरी

Maharashtra किसी भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा से महाराष्ट्र में आने वाले सभी यात्री इस संबंध में भारत सरकार के निर्देशों का पालन करेंगे। घरेलू यात्री या तो टीके की पूरी खुराक ले चुके हों या 72 घंटे पुरानी वैध आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट हो तभी राज्य में आ सकेंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 04:24 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 04:24 PM (IST)
Maharashtra: विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए महाराष्ट्र में आरटी-पीसीआर जरूरी
विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए महाराष्ट्र में आरटी-पीसीआर जरूरी। फाइल फोटो

मुंबई, एएनआइ। कोरोना वायरस के चलते महाराष्ट्र सरकार ने नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। किसी भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा से राज्य में आने वाले सभी यात्री इस संबंध में भारत सरकार के निर्देशों का पालन करेंगे। घरेलू यात्री या तो टीके की पूरी खुराक ले चुके हों या 72 घंटे पुरानी वैध आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट हो तभी राज्य में आ सकेंगे। महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी जारी गाइडलाइन के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति टैक्सी या बस के अंदर पाया जाता है तो उस पर पांच सौ रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। ड्राइवर, कंटक्टर और हेल्पर पर पांच सौ रुपये और बसों के मालिक पर एक हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।

गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर सरकार पूरी तरह से सर्तक हो गई है और राज्यों को इस पर नजर रखने के लिए निर्देश भी जारी कर दिए हैं। हालांकि, बड़ी संख्या में टीकाकरण और दूसरी लहर के बाद दो-तिहाई आबादी में बनी एंटीबाडी को देखते हुए इसके कारण ज्यादा तबाही की आशंका नहीं है। पूरी दुनिया में कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद उससे होने वाली मौतों की सीमित संख्या इसकी पुष्टि कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दूसरी लहर के बाद से ही भारत में तीसरी लहर की आशंका जताई जाने लगी थी। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने भी नए वेरिएंट की स्थिति में नवंबर से जनवरी के बीच तीसरी लहर के शुरू होने की बात कही थी। परंतु, देश में अभी तक एक भी अत्यधिक संक्रामक वेरिएंट सामने नहीं आया है। दक्षिणी अफ्रीकी नए वेरिएंट (बी.1.1.529)के ज्यादा संक्रामक होने की बात कही जा रही है। इसीलिए सतर्कता बरतते हुए भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (इंसाकाग) के जरिये इस पर नजर रखी जा रही है। नया वेरिएंट ज्यादा संक्रामक हो सकता है और इसके कारण नए मरीजों की संख्या में बेहाताशा बढ़ोतरी भी हो सकती है, लेकिन इसके ज्यादा घातक होने की संभावना नहीं है।

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