Maharashtra: पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख की कुर्सी पर भी खतरा
Maharashtra अंटीलिया प्रकरण में सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद हो रहे खुलासों के बाद बुधवार को मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का तबादला कर दिया गया था। अनिल देशमुख ने कल माना था कि सचिन वझे प्रकरण में परमबीर सिंह द्वारा की गई चूक माफी योग्य नहीं थी।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra: मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के तबादले के बाद अब राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख की कुर्सी पर भी खतरा मंडराता दिख रहा है। महाराष्ट्र में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच शुक्रवार को अनिल देशमुख ने दिल्ली जाकर अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। अंटीलिया प्रकरण में एपीआइ सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद हो रहे खुलासों के बाद बुधवार को मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का तबादला कर दिया गया था। अनिल देशमुख ने कल माना था कि सचिन वझे प्रकरण में परमबीर सिंह द्वारा की गई चूक माफी के योग्य नहीं थी, इसलिए उनका तबादला किया गया। लेकिन पुलिस आयुक्त के तबादले के बाद भी विपक्ष गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहा है।
भाजपा का कहना है कि किसी बड़े नेता के संरक्षण के बिना पुलिस विभाग का कोई बड़ा अधिकारी इस प्रकार की गलतियां नहीं कर सकता, जैसी कि अंटीलिया प्रकरण में हुई हैं। गृहमंत्री इन आरोपों को यह कहकर नकारते रहे हैं कि विपक्ष का तो काम ही है आरोप लगाना। गुरुवार को प्रेस से बात करते हुए उन्होंने शरद पवार द्वारा कहे गए इन शब्दों को भी उद्धृत किया था कि अनिल देशमुख अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन शुक्रवार को वह दिल्ली में शरद पवार से ही मुलाकात करते दिखाई दिए। इसका कारण यह माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों दलों में देशमुख को लेकर असंतोष पनपने लगा है।
सबका मानना है कि देशमुख ने इस मामले को ठीक से हैंडल किया होता, तो सरकार की इतनी बदनामी नहीं होती। चूंकि विपक्षी दल भाजपा के नेता अभी भी अंटीलिया व मनसुख हिरेन प्रकरण का ठीकरा पूरी सरकार पर फोड़ रहे हैं, इसलिए लोगों को लगता है कि अनिल देशमुख की बलि देकर पूरी सरकार को संकट से बचाया जा सकता है। शरद पवार भी इसलिए नाराज बताए जा रहे हैं, क्योंकि इस विवाद की सीधी जिम्मेदारी उनकी पार्टी के एक मंत्री पर आ रही है। चूंकि सचिन वझे का बचाव करने के लिए वह शिवसेना को आड़े हाथों ले चुके हैं। इसलिए अपनी पार्टी के एक मंत्री की नाकामी के लिए यदि वह उसका इस्तीफा मांग लें, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। दूसरी ओर, अनिल देशमुख ने एक ट्वीट कर कहा कि वह विदर्भ की महत्वपूर्ण मीहान परियोजना पर चर्चा करने के लिए शरद पवार के पास गए थे। उनसे बातचीत के दौरान अंटीलिया व मनसुख प्रकरण में चल रही एनआइए व एटीएस की जांच पर चर्चा हुई। लेकिन मीडिया में चल रही मेरे इस्तीफे की खबरों में कोई तथ्य नहीं है।