Rahul Gandhi: मानहानि के मामले में बांबे हाई कोर्ट से राहुल गांधी को राहत

Rahul Gandhi राहुल गांधी के विरुद्ध मानहानि के एक मामले में बांबे हाई कोर्ट ने उनके ही भाषण के लिप्यांतर को सबूत के तौर पर स्वीकार करने का अनुरोध ठुकरा दिया है। यह अनुरोध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक पदाधिकारी राजेश कुंटे की ओर से किया गया था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 09:03 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 09:03 PM (IST)
Rahul Gandhi: मानहानि के मामले में बांबे हाई कोर्ट से राहुल गांधी को राहत
मानहानि के मामले में बांबे हाई कोर्ट से राहुल गांधी को राहत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, मुंबई। बांबे हाई कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विरुद्ध मानहानि के एक मामले में उनके ही भाषण के लिप्यांतर को सबूत के तौर पर स्वीकार करने का अनुरोध ठुकरा दिया है। यह अनुरोध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक पदाधिकारी राजेश कुंटे की ओर से किया गया था। 2014 के अपने इस चुनावी भाषण में राहुल गांधी ने कथित तौर पर आरएसएस को महात्मा गांधी की हत्या के लिए दोषी ठहराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने यह भाषण महाराष्ट्र के भिवंडी में दिया था। इस भाषण के बाद ही राजेश कुंटे ने उनके खिलाफ मानहानि का आपराधिक मामला दर्ज कराया था। कुंटे के अनुसार, अपने इस भाषण में राहुल गांधी ने कहा था कि आरएसएस को लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या की थी।

जबकि दिसंबर 2014 में राहुल गांधी ने अपने विरुद्ध दायर इस मामले को चुनौती देते हुए मुंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसे उच्च न्यायालय ने 2015 में खारिज कर दी थी। उस समय उन्होंने उच्च न्यायालय में अपने उस कथित भाषण की प्रतिलिपि भी प्रस्तुत की थी और दावा किया था कि उनके बयान को संदर्भ से काटकर प्रस्तुत किया गया है। सितंबर, 2018 भिवंडी मैजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा कुंटे की याचिका खारिज कर दी गई थी। जिसे चुनौती देते हुए कुंटे ने 2019 में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, और वहां 2014 में राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत अपने भाषण की प्रति को सबूत के तौर पर स्वीकार करने की मांग की। कुंटे की इसी याचिका को सोमवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की एकल पीठ ने खारिज कर दिया है।

गौरतलब है कि इसी तरह सूरत से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ अप्रैल 2019 में भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 499 व 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कथित तौर पर पूछा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी सभी का उपनाम मोदी है। सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है? जब उन्होंने यह टिप्पणी की थी, तब वह कांग्रेस अध्यक्ष थे।

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