Anil Deshmukh Case: रामदास अठावले बोले, उद्धव ठाकरे को भी देना पड़ेगा इस्तीफा

Anil Deshmukh Case रामदास अठावले ने कहा कि अनिल देशमुख पर जो पैसों के आरोप लगे थे। उसमे बहुत से लोगों को अभी नोटिस मिलेगा। मुझे लगता है कि उद्धव ठाकरे के एक-एक मंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 02:56 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 02:56 PM (IST)
Anil Deshmukh Case: रामदास अठावले बोले, उद्धव ठाकरे को भी देना पड़ेगा इस्तीफा
रामदास अठावले बोले, उद्धव ठाकरे को भी देना पड़ेगा इस्तीफा। फाइल फोटो

मुंबई, एएनआइ। Anil Deshmukh Case: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को कहा कि अनिल देशमुख पर जो पैसों के आरोप लगे थे। उसमे बहुत से लोगों को अभी नोटिस मिलेगा। मुझे लगता है कि उद्धव ठाकरे के एक-एक मंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा। आखिर में उद्धव ठाकरे को भी इस्तीफा देना पड़ेगा। इधर, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप के मामले सीबीआई ने शुक्रवार को शहर के एक बार मालिक का बयान लिया। मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने देशमुख पर पुलिस अफसरों के जरिये हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली कराने का आरोप लगाया है। इस मामले में बांबे हाई कोर्ट के आदेश पर मामले की प्रारंभिक जांच कर रही सीबीआइ की टीम ने लव बर्ड आर्केस्ट्रा बार के मालिक महेश शेट्टी का बयान दर्ज किया। महेश शेट्टी ने बीती तीन मार्च को सचिन वाझे से मुलाकात की थी। सीबीआइ ने शेट्टी से वाझे से मुलाकात करने की वजह के बारे में गहराई से पूछताछ की। शेट्टी को 2015 में भायंदर में एक साप्ताहिक अखबार के पत्रकार की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

वहीं, सौ करोड़ की उगाही के मामले में सीबीआइ जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और महाराष्ट्र सरकार को गुरुवार को बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने देशमुख व महाराष्ट्र सरकार की याचिकाएं खारिज करते हुए हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इन्कार कर दिया। जस्टिस संजय किशन कौल और हेमंत गुप्ता की पीठ ने हाईकोर्ट के सीबीआइ जांच के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने सिर्फ एक स्वतंत्र जांच एजेंसी को मामले की प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र सरकार के वकील अभिषेक मनु ¨सघवी की यह दलील स्वीकार करने योग्य नहीं है कि सिर्फ इसलिए स्वतंत्र एजेंसी से जांच का आदेश न दिया जाए क्योंकि गृह मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। कोर्ट ने कहा, दो व्यक्ति हैं एक गृहमंत्री के पद पर था और दूसरा पुलिस कमिश्नर के पद पर। दोनों ने लंबे समय साथ काम किया। पुलिस कमिश्नर, गृहमंत्री के भरोसे के तहत काम करता है।

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