Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह
Maharashtra मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने शुक्रवार को राज्य सरकार द्वारा उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाइयों के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। परमबीर सिंह ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह महाराष्ट्र सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई न करने का निर्देश दे।
मुंबई, एएनआइ। Maharashtra: महाराष्ट्र होमगार्ड के महानिदेशक (डीजी) और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने शुक्रवार को राज्य सरकार द्वारा उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाइयों के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। परमबीर सिंह ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह महाराष्ट्र सरकार को उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न करने का निर्देश दे। इस मामले की आगामी सुनवाई पांच मई को होगी। सिंह ने राज्य सरकार द्वारा उनके खिलाफ की गई विभिन्न कार्रवाइयों और पूछताछ के लिए भी चुनौती दी है। सिंह का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने किया। सिंह ने अदालत से आग्रह किया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को आपराधिक साजिश और अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई की प्रारंभिक जांच को विफल करने के लिए दुर्भावनापूर्ण प्रयासों की जांच करने का निर्देश दिया जाए। इससे पहले गुरुवार को कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) आयुक्तों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को छोड़ने के लिए मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त पराग मनेरे और कई अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इधर, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर के सिंह के विरुद्ध अकोला में एक पुलिस इंस्पेक्टर ने एफआइआर दर्ज कराई है। इस एफआइआर में सिंह सहित 27 अन्य पुलिसकíमयों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के एक मामले में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बता दें कि इससे पहले मुंबई में भी एक पुलिस इंस्पेक्टर की शिकायत पर परमबीर के विरुद्ध राज्य सरकार जांच का आदेश दे चुकी है। पुलिस इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे द्वारा दर्ज कराई गई एफआइआर में कहा गया है कि 2015 से 2018 के बीच ठाणे में पुलिस आयुक्त रहते हुए परमबीर सिंह भ्रष्टाचार के कई मामलों में शामिल थे।
घाडगे ने कहा है कि उस दौरान सिंह ने उन्हें ऐसे कई मामलों में आरोपपत्र पेश न करने के आदेश दिए थे, जिनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज थीं। इसी एफआइआर में घाडगे ने एक पुलिस उपायुक्त पराग मनेरे एवं 26 अन्य पुलिसकर्मियों के नाम दिए हैं। सिटी कोतवाली, अकोला में दर्ज इस प्राथमिकी में आपराधिक साजिश, सुबूत मिटाने तथा एससी-एसटी एक्ट जैसी कई धाराएं लगाई गई हैं। इन दिनों अकोला पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात घाडगे ने एफआइआर में कहा है कि जब उन्होंने परमबीर का आदेश मानने से इनकार किया तो उनके विरुद्ध पांच एफआईआर दर्ज कर उन्हें निलंबित करा दिया गया।