OBC Reservation: पंकजा मुंडे बोलीं, महाराष्ट्र सरकार ओबीसी कोटा खत्म करने के लिए जिम्मेदार, भाजपा करेगी प्रदर्शन

OBC Reservation भाजपा महासचिव पंकजा मुंडे के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार आम चुनाव में ओबीसी कोटा खत्म करने के लिए जिम्मेदार है। यह ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा 26 जून को पूरे राज्य में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:48 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:48 PM (IST)
OBC Reservation: पंकजा मुंडे बोलीं, महाराष्ट्र सरकार ओबीसी कोटा खत्म करने के लिए जिम्मेदार, भाजपा करेगी प्रदर्शन
पंकजा मुंडे बोलीं, महाराष्ट्र सरकार ओबीसी कोटा खत्म करने के लिए जिम्मेदार, भाजपा करेगी प्रदर्शन। फाइल फोटो

मुंबई, एएनआइ। भाजपा महासचिव पंकजा मुंडे ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार आम चुनाव में ओबीसी कोटा खत्म करने के लिए जिम्मेदार है। यह ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा 26 जून को पूरे राज्य में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। इधर, महाराष्ट्र में निरंतर कमजोर होते जा रहे नक्सली आंदोलन को अब मराठा आरक्षण आंदोलन में संजीवनी दिखाई देने लगी है। नक्सली मराठा युवकों से नक्सली आंदोलन में शामिल होने और उनके तौर-तरीके अपनाने की अपील कर रहे हैं। नक्सली ऐसा करके महाराष्ट्र में एक बार फिर जातीय संघर्ष की भूमिका तैयार करने लगे हैं।

महाराष्ट्र में नक्सलवाद से सर्वाधिक प्रभावित गढ़चिरोली जिले में पिछले दिनों कुछ पर्चे बांटे गए, जिसमें मराठा समाज को पिछड़ा बताते हुए उसे आरक्षण देने की मांग की गई थी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सचिव सह्याद्गि की ओर से लिखे इस पर्चे में नक्सलियों ने मराठा समाज से संगठित होने की अपील की है। पर्चे में सभी सत्ताधारियों पर पूंजीपतियों का दलाल होने का आरोप लगाते हुए मराठा समाज की एकता का उपयोग केवल राजनीतिक दांवपेच के लिए करने की बात कही गई है। कहा गया है कि मराठा समाज का उपयोग केवल वोटबैंक के रूप में किया जा रहा है। इसलिए मराठा समाज को अपने शत्रुओं को पहचानना चाहिए। नक्सलियों की इस अपील ने महाराष्ट्र के राजनीतिक क्षेत्र में भी हलचल पैदा कर दी है।

राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने मराठा युवकों को चेताते हुए कहा है कि मराठा आंदोलन पर नक्सलियों द्वारा लिखे गए पत्र पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। नक्सल आंदोलन व्यवस्था के विरुद्ध है। यदि वे मराठों से अपने आंदोलन में शामिल होने की अपील कर रहे हैं, तो यह देश की व्यवस्था को चुनौती देने जैसा है। लोकतंत्र में सभी समस्याओं का समाधान संविधान के दायरे में रहते हुए, सरकार एवं अदालतों के जरिए होता है। बता दें कि वलसे पाटिल खुद भी मराठा समुदाय से ही आते हैं।

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