Mumbai Dance bar: अब भी आसान नहीं है महाराष्ट्र में डांस बार खुलना

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By BabitaEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 09:05 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 09:05 AM (IST)
Mumbai Dance bar: अब भी आसान नहीं है महाराष्ट्र में डांस बार खुलना
Mumbai Dance bar: अब भी आसान नहीं है महाराष्ट्र में डांस बार खुलना

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Mumbai Dance bar डांस बार पर आया सर्वोच्च न्यायालय का फैसला न तो महाराष्ट्र सरकार को रास आ रहा है, न ही डांस बार मालिकों को। इसलिए इस फैसले के बावजूद मुंबई सहित महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में डांस बार खुलना आसान नहीं दिख रहा है। 

महाराष्ट्र सरकार गुरुवार को आए फैसले की प्रति प्राप्त होने का इंतजार कर रही है। ताकि उसका अध्ययन करके उसे चुनौती दी जा सके। जबकि डांस बार मालिक फैसले में अब तक सामने आई शर्तों के कायम रहते डांस बार चलाना आसान नहीं मान रहे। उनके लिए इन शर्तों का पालन किसी मुसीबत से कम नहीं है। 2016 में राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कानून में बार बालाओं द्वारा अश्लील नृत्य करने पर बार मालिकों को तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

 सर्वोच्च न्यायालय ने इस शर्त को कायम रखा है। डांस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत ठाकुर कहते हैं कि कोई कैसे अश्लीलता को परिभाषित करेगा ? यह एक जोखिम भरा काम है। इसलिए जिंदगी जेल में गुजारने से अच्छा होगा, डांस बार न चलाना। बार मालिकों को रात 11.30 बजे तक ही डांस बार चालू रखने की शर्त भी तार्किक नहीं लगती। क्योंकि डांस बारों पर प्रतिबंध लगने से पहले सुबह चार-पांच बजे तक डांस बार चालू रहते थे। 11.30 बजे तो रात की शुरुआत मानी जाती थी। 

दूसरी ओर राज्य सरकार अभी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का अध्ययन करना चाहती है। लेकिन उसे संतोष है कि उसके द्वारा बनाए गए कानून के कई बिंदुओं से सर्वोच्च न्यायालय ने सहमति जताई है। गृह राज्यमंत्री रणजीत पाटिल ने साफ कर दिया है कि डांस बार के नाम पर किसी भी प्रकार के अनुचित व्यवहार की अनुमति नहीं दी जाएगी। उनके अनुसार राज्य की जनता की भावना डांस बारों के खिलाफ है। उसकी भावनाओं का प्रतिबिंब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में दिखाई नहीं दे रहा। इसके बावजूद सरकार द्वारा बनाए कानून की कई शर्तें सर्वोच्च न्यायालय ने कायम रखी हैं। पाटिल का कहना है कि फैसले की प्रति मिलने के बाद सरकार उसका विस्तृत अध्ययन करेगी। उसके बाद ही वह आगे की रणनीति तय करेगी।

बता दें कि मुंबई में करीब 300 डांस बार थे। जिनमें से करीब 200 अभी ऑरकेस्ट्रॉ बार बन चुके हैं। फैसला माफिक हो तो ये सभी पुराने स्वरूप में आने को तैयार हैं। प्रतिबंध से पहले इन डांस बारों का सालाना कारोबार 1200 से 1500 करोड़ रुपयों का होता था, और से प्रत्यक्ष या परोक्ष करीब 50,000 लोगों को रोजगार देते थे।       

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