Open Inquiry: एसीबी ने परमबीर सिंह के खिलाफ इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे का दर्ज किया बयान

Open Inquiry एसीबी ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की अपनी खुली जांच में पुलिस इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे का बयान दर्ज किया। शिकायत में घाडगे ने परमबीर सिंह पर भ्रष्टाचार और वरिष्ठ इंस्पेक्टरों से पोस्टिंग के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगाया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 08:33 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 08:33 PM (IST)
Open Inquiry: एसीबी ने परमबीर सिंह के खिलाफ इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे का दर्ज किया बयान
मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह। फाइल फोटो

मुंबई, प्रेट्र। भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो (एसीबी) ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की अपनी खुली जांच में पुलिस इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे का बयान दर्ज किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि एजेंसी ने हाल ही में महाराष्ट्र के गृह विभाग से परमबीर के खिलाफ खुली जांच करने की अनुमति ली है। घाडगे की शिकायत पर पूर्व आयुक्त के खिलाफ आपराधिक साजिश, सुबूत नष्ट करने और अनुसूचित जाति व जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। अपनी शिकायत में घाडगे ने परमबीर सिंह पर भ्रष्टाचार और वरिष्ठ इंस्पेक्टरों से पोस्टिंग के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगाया है।

एसीबी अधिकारियों ने शुक्रवार को घाडगे का बयान दर्ज किया। अधिकारी ने कहा कि खुली जांच के तहत एसीबी अगले कुछ दिनों में और लोगों के बयान दर्ज करेगी। एसीबी पुलिस इंस्पेक्टर अनूप डांगे की शिकायत पर परमबीर सिंह के खिलाफ अलग से भी जांच कर रही है। डांगे ने दावा किया था कि जब वह निलंबित था, तब एक रिश्तेदार के माध्यम से आइपीएस अधिकारी ने फिर से बहाल करने के लिए दो करोड़ रुपये की मांग की थी। इस साल मार्च में मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर दावा किया था कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाझे (अब निलंबित) समेत मुंबई पुलिस के कुछ अधिकारियों से मुंबई में बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने को कहा था। इस पत्र के बाद बांबे हाई कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने देशमुख के खिलाफ जांच शुरू की। देशमुख को इसके बाद अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

chat bot
आपका साथी