Maharashtra: टूलकिट मामले में निकिता जैकब ने बांबे हाईकोर्ट से मांगी ट्रांजिट अग्रिम जमानत

Maharashtra दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस मुंबई के गोरेगांव स्थित निकिता के घर आकर तलाशी भी ले चुकी है। इसलिए प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए निकिता ने मुंबई उच्च न्यायालय में ट्रांजिट अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 15 Feb 2021 07:44 PM (IST) Updated:Mon, 15 Feb 2021 07:44 PM (IST)
Maharashtra: टूलकिट मामले में निकिता जैकब ने बांबे हाईकोर्ट से मांगी ट्रांजिट अग्रिम जमानत
टूलकिट मामले में निकिता जैकब ने बांबे हाईकोर्ट से मांगी ट्रांजिट अग्रिम जमानत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, मुंबई। Maharashtra: टूलकिट मामले में आरोपित वकील निकिता जैकब ने मुंबई उच्च न्यायालय में ट्रांजिट अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई है। उच्च न्यायालय इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करेगा। निकिता ने यह कदम दिल्ली की एक अदालत द्वारा उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने के बाद उठाया है। दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस एक बार मुंबई के गोरेगांव स्थित निकिता के घर आकर तलाशी भी ले चुकी है। इसलिए प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए निकिता ने सोमवार को मुंबई उच्च न्यायालय में ट्रांजिट अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई। निकिता जैकब ने चार सप्ताह के लिए अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए इसी अवधि के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत मांगी है, ताकि वह संबंधित कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल कर सकें। नाईक की वकील ने इस मामले में तत्काल सुनवाई की अपील की थी, लेकिन न्यायमूर्ति पीडी नाईक की एकल पीठ मंगलवार को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है।

निकिता ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें यह नहीं पता है कि इस मामले में उनका नाम बतौर आरोपित दर्ज किया गया है या गवाह के तौर पर। क्योंकि मेरी जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में उनका नाम शामिल नहीं है। निकिता की वकील द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि आवेदक (निकिता) को डर है कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध व मीडिया ट्रायल के कारण गिरफ्तार किया जा सकता है। याचिका के अनुसार, टूलकिट मामले में दर्ज प्राथमिकी गलत व निराधार है। निकिता ने अभी तक दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के साथ सहयोग किया है व अपना बयान भी दर्ज कराया है। साइबर प्रकोष्ठ की पुलिस 11 फरवरी को निकिता के घर पर तलाशी वारंट के साथ पहुंची थी व उनके घर से कुछ दस्तावेज और इलेक्ट्रानिक उपकरण जब्त करके ले गई है।

याचिका में कहा गया कि लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी नामक संस्था ने दिल्ली पुलिस में गलत एवं निराधार शिकायत दर्ज कराते हुए 26 जनवरी, 2021 को दिल्ली में हुए उपद्रव का आरोप आवेदक पर लगाने की कोशिश की है। निकिता की वकील ने याचिका में सफाई देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता का टूलकिट के जरिए दंगे भड़काने या किसी को शारीरिक नुकसान पहुंचाने का कोई एजेंडा नहीं था। जैकब मुंबई उच्च न्यायालय में वकील हैं और पर्यावरण के लिए स्वेच्छा से काम करती हैं। याचिका में कहा गया कि आवेदक हाल ही में पारित हुए कृषि कानूनों व किसानों को खलनायक के तौर पर पेश करने को लेकर बेहद चिंतित है। याचिका में यह भी कहा गया  कि निकिता जैकब का आम आदमी पार्टी से संबंधों का दावा करके उनके खिलाफ नफरत व हिंसा फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है।  

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