Antilia Bomb Scare Case: एनआईए ने कोर्ट को बताया- मनसुख हिरेन की हत्या के लिए आरोपियों को दिए गए थे 45 लाख रुपये
Antilia Bomb Scare Case एंटीलिया बम और मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कोर्ट को बताया कि मनसुख हिरेन की हत्या के लिए 45 लाख रुपये दिए गए थे एनआइए ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए 30 दिन की मांग की है।
मुंबई, एएनआइ। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने एंटीलिया बम ( Antilia bomb scare case) मामले और कारोबारी मनसुख हिरेन हत्याकांड (Mansukh Hiren murder case) में चार्जशीट दाखिल करने के लिए 30 दिन और मांगे हैं। एनआईए ने विशेष अदालत को बताया कि एंटीलिया बम की आशंका के बाद मनसुख हिरेन की हत्या करने के लिए आरोपियों को 45 लाख रुपये दिए गए थे।
गौरतलब है कि बीते 25 फरवरी को बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के बाहर विस्फोटक से लदी एसयूवी गाड़ी मिलने के बाद (5 मार्च ) ही मनसुख हिरेन की हत्या कर दी गई थी। ये दावा किया गया था ये एसयूवी कार मनसुख हिरेन की ही थी। जांचकर्ताओं ने दावा किया था कि सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, 17 फरवरी को सचिन वझे और हिरेन के बीच मुलाकात हुई थी। इसी दिन मनसुख हिरेन के पास से एसयूवी कार कथित रूप से चोरी हुई थी। 5 मार्च को ठाणे में एक नहर के पास मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ था। उनके परिवार ने उनकी मौत में सचिन वझे की भूमिका होने का आरोप लगाया था। विशेष अदालत ने एनआईए ने इससे पहले 9 जून को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए दो माह का समय मांगा था।
बता दें कि 25 फरवरी को जिलेटिन की छड़ों से लदी एसयूवी कार उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट खड़ी मिली थी, इसकी जांच एनआईए कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार हिरेन की रहस्यमयी मौत से संबंधित मामले की जांच कर रहे एटीएस को दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के निकट एक स्थान का सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें वझे और हिरेन मर्सिडीज कार में बैठे दिख रहे थे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने विशेष अदालत को कहा था कि इस मामले में फंडिंग किस की तरफ से की गई है इसका पता लगाने की जरूरत है। एनआईए ने अदालत से ये भी कहा था कि इस मामले में 150 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। इसके लिए एक टीम ने जांच के तहत दिल्ली जाकर भी बयान दर्ज किए हैं। बता दें कि इस मामले में अब तक पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा और सचिन वाझे को गिरफ्तार किया जा चुका है।