Maharashtra: एंटीलिया के बाद एक और बड़ी घटना की योजना बना रहा था सचिन वाझे

Maharashtra सचिन वाझे एंटीलिया के पास विस्फोटक रखने के बाद एक और बड़ी कार्रवाई की योजना बना रहा था। एनआइए सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उसके मुताबिक अगर प्रदीप शर्मा ने लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया तो इस संबंध में और खुलासे हो सकते हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 04:31 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 04:31 PM (IST)
Maharashtra: एंटीलिया के बाद एक और बड़ी घटना की योजना बना रहा था सचिन वाझे
एंटीलिया के बाद सचिन वाझे एक और बड़ी घटना की बना रहा था योजना। फाइल फोटो

मुंबई, एएनआइ। Maharashtra: मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे एंटीलिया के पास विस्फोटक रखने के बाद एक और बड़ी कार्रवाई की योजना बना रहा था। एनआइए सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उसके मुताबिक, अगर प्रदीप शर्मा ने लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया तो इस संबंध में और खुलासे हो सकते हैं। परमबीर सिंह का बयान गवाह के रूप में दर्ज किया गया है न कि संदिग्ध के रूप में। इधर, मुंबई के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एवं अब शिवसेना नेता प्रदीप शर्मा अंटीलिया प्रकरण एवं मनसुख हत्याकांड की साजिश में शामिल हो सकते है। सूत्रों के अनुसार एनआइए द्वारा इन दोनों मामलों में गिरफ्तार सचिन वाझे ने एनआइए को प्रदीप शर्मा के बारे में कई पुख्ता जानकारियां दी हैं। निलंबित एपीआइ सचिन वाझे, प्रदीप शर्मा के मातहत काम कर चुका है। वाझे शर्मा को अपना गुरु मानता है।

पता चला है कि 25 फरवरी की रात उद्योगपति मुकेश अंबानी की अंटीलिया इमारत के निकट विस्फोटक लदी स्काíपयो खड़ी किए जाने से लेकर पांच मार्च को ठाणे में मनसुख हिरेन की हत्या होने तक प्रदीप शर्मा लगातार सचिन वाझे के संपर्क में थे। वाझे ने इस बात की पुष्टि एनआइए से की ही है। एनआइए के पास भी इस बात के कई इलेक्ट्रानिक सबूत भी हैं। यही कारण है कि प्रदीप शर्मा से बुधवार को भी एनआइए ने करीब साढ़े सात घंटे तक पूछताछ की। गुरुवार को भी तलब कर उनसे नौ घंटे से ज्यादा लंबी पूछताछ की गई। शर्मा दोपहर एक बजे एनआइए के दफ्तर में घुसे थे और रात सवा दस बजे बाहर आए। पता यह भी चला है कि स्काíपयो कार में रखी गई जिलेटिन की 20 छड़ें वाझे को प्रदीप शर्मा ने ही अपने किसी परिचित से उपलब्ध कराई थीं।  मनसुख हिरेन की हत्या से पहले भी वह लगातार प्रदीप शर्मा के संपर्क में था। यदि ये बातें सही साबित होती हैं, तो पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।

प्रदीप शर्मा करीब 30 साल मुंबई पुलिस की सेवा में रहने के बाद शिवसेना में शामिल हो चुके हैं। वह शिवसेना के ही टिकट पर पिछला विधानसभा चुनाव भी पालघर की नालासोपारा सीट से लड़ चुके हैं। मुंबई पुलिस की सेवा में रहने के दौरान उनकी गिनती सबसे सक्रिय एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस इंस्पेक्टरों में होती थी। शिवसेना का शीर्ष नेतृत्व भी उन्हें बहुत पसंद करता है।मनसुख हत्याकांड में गिरफ्तार सचिन वाझे एवं विनायक शिंदे तब प्रदीप शर्मा की ही टीम का हिस्सा थे। 2002 में सचिन वाझे उनकी टीम में रहते हुए ही साफ्टवेयर इंजीनियर ख्वाजा यूनुस की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में फंसे और उन्हें हाई कोर्ट के निर्देश पर निलंबित होना पड़ा। जबकि विनायक शिंदे प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में ही 2006 में हुए लखन भैया एनकाउंटर मामले में आरोपित बनाया गया। इस मामले में शर्मा तो बाइज्जत बरी हो गए थे, लेकिन शिंदे सहित कई और पुलिसकíमयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 

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