Maharashtra: सचिन वाझे को साथ ले एनआइए ने क्लब और होटल पर मारा छापा

Maharashtra मनसुख हिरेन की हत्या से पहले नरेश गोर ने ही सचिन वाझे के कहने पर 14 बेनामी सिम कार्ड की व्यवस्था गुजरात से की थी। ये सिम कार्ड उसने विनायक शिंदे के जरिये सचिन वाझे तक पहुंचाए थे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 01 Apr 2021 08:59 PM (IST) Updated:Thu, 01 Apr 2021 08:59 PM (IST)
Maharashtra: सचिन वाझे को साथ ले एनआइए ने क्लब और होटल पर मारा छापा
सचिन वाझे को साथ ले एनआइए ने क्लब और होटल पर मारा छापा। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, मुंबई। Maharashtra: अंटीलिया कांड व मनसुख हिरेन हत्याकांड की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने इन दोनों मामलों में गिरफ्तार सचिन वाझे को लेकर गुरुवार को एक क्लब और एक होटल पर छापा मारा। इन छापों के जरिये एनआइए वाझे द्वारा इस्तेमाल किए गए सिम कार्ड की जानकारी हासिल कर रही है। एनआइए की टीम गुरुवार दोपहर अंटीलिया से कुछ किलोमीटर दूर स्थित एक होटल में पहुंची और वहां की तलाशी ली। तलाशी के दौरान होटल में मौजूद ग्राहकों और स्टाफ को इमारत से बाहर निकाल दिया गया। इसी प्रकार एनआइए की टीम ने आशीष क्लब की भी तलाशी ली। यह क्लब देवजीत नामक एक व्यक्ति चलाता है। बताया जाता है कि देवजीत ने सचिन वाझे के कहने पर ही नरेश गोर को नौकरी पर रखा था।

मनसुख हिरेन की हत्या से पहले नरेश गोर ने ही वाझे के कहने पर 14 बेनामी सिम कार्ड की व्यवस्था गुजरात से की थी। ये सिम कार्ड उसने विनायक शिंदे के जरिये सचिन वाझे तक पहुंचाए थे। इन्हीं में से एक सिमकार्ड का उपयोग मनसुख हिरेन की हत्या से पहले उसे घर से बुलाने के लिए किया गया था। वास्तव में इसी सिमकार्ड के जरिए एटीएस पहले नरेश गोर तक, फिर उसकी निशानदेही पर विनायक शिंदे तक पहुंचने में कामयाब हुई थी। बता दें कि एनआइए इन दिनों मुंबई पुलिस के निलंबित एपीआई सचिन वाझे के विरुद्ध सुबूत जुटाने में लगी है। वह ये सारे सबूत तीन अप्रैल को विशेष एनआईए कोर्ट में रखकर वाझे की हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग करेगी। एनआइए को कई महत्वपूर्ण सुबूत हाथ लग भी चुके हैं। इनमें मीठी नदी में सचिन वाझे द्वारा फिंकवाए गए लैपटाप, डीवीआर, हार्ड डिस्क इत्यादि शामिल हैं।

एनआइए के सूत्रों का कहना है कि मुंबई पुलिस के निलंबित एपीआई सचिन वाझे को मुकेश अंबानी के घर के निकट ही किसी ने स्कार्पियो में रखने के लिए जिलेटिन की छड़ें उपलब्ध कराई थीं। यह स्कार्पियो भी सचिन वाझे की ठाणे स्थित सोसायटी से उसका निजी ड्राइवर चलाकर लाया था। माना जा रहा है कि एनआइए तीन अप्रैल को ये तथ्य विशेष एनआइए कोर्ट के सामने रखकर उसकी हिरासत बढ़ाने की मांग करेगी। एनआइए सूत्रों के अनुसार 17 फरवरी को सचिन वाझे का ड्राइवर ही एरोली ब्रिज के पास खड़ी मनसुख हिरेन की स्कार्पियो कार लेकर ठाणे स्थित वाझे के घर गया था। उसके बाद से 25 फरवरी तक कार वाझे की सोसायटी में ही खड़ी रही। 25 तारीख की देर शाम वाझे का ड्राइवर ही स्कार्पियो कार लेकर कर्माइकल रोड स्थित मुकेश अंबानी की अंटीलिया बिल्डिंग की ओर निकला था। चूंकि 18 फरवरी को मनसुख हिरेन इसी कार की चोरी की रिपोर्ट विक्रोली पुलिस थाने में दर्ज करवा चुका था।

chat bot
आपका साथी