Budget 2021: देश के लिए मॉडल बनेगी नासिक की टायर वाली मेट्रो

Budget 2021 देवेंद्र फड़नवीस का मानना है कि टायर पर चलने वाली मेट्रो देश के अन्य शहरों के लिए मॉडल बन सकती है। देवेंद्र फड़नवीस के कार्यकाल में ही 28 अगस्त 2019 को राज्य मंत्रिमंडल ने नासिक के लिए मेट्रो नियो परियोजना को हरी झंडी दिखाई थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 01 Feb 2021 08:05 PM (IST) Updated:Mon, 01 Feb 2021 08:05 PM (IST)
Budget 2021: देश के लिए मॉडल बनेगी नासिक की टायर वाली मेट्रो
देश के लिए मॉडल बनेगी नासिक की टायर वाली मेट्रो। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, मुंबई। Budget 2021: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट में नासिक मेट्रो के लिए 2,092 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का मानना है कि अन्य मेट्रो परियोजनाओं से अलग टायर पर चलने वाली यह मेट्रो देश के अन्य शहरों के लिए मॉडल बन सकती है। देवेंद्र फड़नवीस के कार्यकाल में ही 28 अगस्त, 2019 को राज्य मंत्रिमंडल ने नासिक के लिए 'मेट्रो नियो' परियोजना को हरी झंडी दिखाई थी। अब आम बजट में इस मेट्रो के लिए वित्तीय प्रावधान कर दिए जाने से इसके पूरा होने की उम्मीद बढ़ गई है। 'मेट्रो नियो' न सिर्फ नासिक, बल्कि महाराष्ट्र व देश के अन्य टियर दो व टियर तीन शहरों के लिए एक मॉडल बन सकती है। क्योंकि एलिवेटेड कॉरिडोर पर चलने वाली इस टायर आधारित मेट्रो का निर्माण खर्च सामान्य मेट्रो की तुलना में सिर्फ एक तिहाई होता है।

लेकिन बिजली से चलने वाली इन मेट्रो में बाकी सुविधाएं सामान्य मेट्रो जैसी ही होती हैं। यानी ये मेट्रो भी वातानुकूलित होती हैं। इनमें भी आटोमेटिक डोर क्लोजिंग व्यवस्था होती है। लेवल बोर्डिंग, आरामदायक सीटें, पैसेंजर एनाउंसमेंट सिस्टम एवं कोच के अंदर इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले सिस्टम भी होतो है। स्टेशनों पर भी सीढ़ियां, लिफ्ट एवं एस्केलेटर सामान्य मेट्रो स्टेशनों की भांति ही होंगे। महामेट्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर बृजेश दीक्षित के अनुसार जिन शहरों में भीड़भाड़ की अवधि में यात्रा करने वाले प्रवासियों की संख्या पांच से पंद्रह हजार के बीच होती है, उन शहरों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने के लिए इस प्रकार की टायर आधारित मेट्रो काफी कारगर हो सकती हैं। क्योंकि इनकी निर्माण लागत प्रति किलोमीटर लगभग 60 करोड़ रुपए आती है। जबकि सामान्य मेट्रो पर यही लागत 250 से 400 करोड़ रुपयों तक पहुंच जाती है।

ट्रैफिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की मेट्रो नए विकसित हो रहे शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए कम लागत में बड़ा सहारा बन सकती हैं। संभवतः इसीलिए देवेंद्र फड़नवीस ने नासिक की मेट्रो नियो को अन्य छोटे शहरों के लिए माडल करार दिया है। नासिक में ये मेट्रो फिलहाल दो रूट पर चलाई जाएंगी। पहला रूट नासिक रोड रेलवे स्टेशन से सातपुर इंडस्ट्रियल एरिया के लिए होगा। दूसरा रूट सातपुर इंडस्ट्रियल एरिया से मुंबई-नासिक रोड के लिए होगा। 

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