Maharashtra: कोकण में नारियल आधारित उद्योग का केंद्र बनाना चाहते हैं नारायण राणे

Maharashtra नारायण राणे महाराष्ट्र के तटवर्ती कोकण क्षेत्र को नारियल आधारित उद्योगों का केंद्र बनाना चाहते हैं। कोकण क्षेत्र फिलहाल स्वादिष्ट हापुस आम व काजू उत्पादन के लिए जाना जाता है। हाल ही में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए नारायण राणे को लघु उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 15 Aug 2021 02:36 PM (IST) Updated:Sun, 15 Aug 2021 02:36 PM (IST)
Maharashtra: कोकण में नारियल आधारित उद्योग का केंद्र बनाना चाहते हैं नारायण राणे
कोकण में नारियल आधारित उद्योग का केंद्र बनाना चाहते हैं नारायण राणे। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे महाराष्ट्र के तटवर्ती कोकण क्षेत्र को नारियल आधारित उद्योगों का केंद्र बनाना चाहते हैं। कोकण क्षेत्र फिलहाल स्वादिष्ट हापुस आम व काजू उत्पादन के लिए जाना जाता है। हाल ही में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए नारायण राणे को लघु उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। खादी ग्रामोद्योग विभाग भी इसी मंत्रालय के तहत आता है। राणे का मानना है कि कोकण क्षेत्र में नारियल का उत्पादन बढ़ने से खादी ग्रामोद्योग विभाग के जरिए नारियल के जूट से बनने वाले उत्पादों को बढ़ावा देकर यहां बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा किया जा सकता है। राणे ने स्वयं ट्वीट कर जानकारी दी है कि उन्होंने इस संदर्भ में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की है। कृषि मंत्री से मिलकर राणे ने कोकण क्षेत्र के सिंधुदुर्ग में कोकोनट डेवलपमेंट बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालाय खोलने का आग्रह किया है, ताकि इस क्षेत्र में नारियल उत्पादन के साथ-साथ नारियल के जूट पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी कोकण रेलवे रूट के किनारे-किनारे नारियल के पेड़ लगाने का आग्रह किया है, ताकि इस पूरे क्षेत्र में नारियल का उत्पादन बढ़ाया जा सके।

वैसे, देश के नारियल उत्पादन में महाराष्ट्र आठवें स्थान पर आता है। इसमें केरल पहले स्थान पर, फिर कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा व गुजरात हैं। महाराष्ट्र में सिर्फ समुद्र तटवर्ती कोकण क्षेत्र की जलवायु ही नारियल उत्पादन के अनुकूल है। राणे भी इसी क्षेत्र से आते हैं। इस क्षेत्र के युवकों को रोजगार की तलाश में अक्सर मुंबई की ओर रुख करना पड़ता है। राणे का मानना है कि सिंधुदुर्ग में कोकोनट डेवलपमेंट बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय खुल जाने से इस क्षेत्र में नारियल आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिल सकता है। इसका लाभ पड़ोसी राज्य गोवा को भी हो सकता है। चूंकि वह स्वयं लघु उद्योग मंत्रालय के मंत्री हैं। इसलिए वह खादी ग्रामोद्योग विभाग के जरिए इस क्षेत्र में नारियल आधारित लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने में स्वयं भी मददगार हो सकते हैं। कभी शिवसेना में रहते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे को आगे करके अब भाजपा शिवसेना का ही गढ़ माने जाने वाले कोकण में अपनी जड़ें जमाना चाहती है। इस क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने वाली योजनाएं चलाकर राणे इस मकसद में कामयाब हो सकते हैं।

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