Maharashtra: नाना पटोले बोले-महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, सीएम पद का चेहरा बनने के लिए तैयार

Maharashtra नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कांग्रेस अकेले लड़ेगी। आलाकमान ने फैसला किया तो मैं मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने के लिए तैयार हूं। उनके मुताबिक पांच साल तक उद्धव ठाकरे की सरकार को कांग्रेस का पूरा समर्थन है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 03:52 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 08:45 PM (IST)
Maharashtra: नाना पटोले बोले-महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, सीएम पद का चेहरा बनने के लिए तैयार
नाना पटोले बोले-महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, सीएम पद का चेहरा बनने के लिए तैयार। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र में कांग्रेस भले चौथे नंबर की पार्टी हो, लेकिन महत्वाकांक्षाएं उसकी भी परवान चढ़ रही हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने न सिर्फ अगला विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की इच्छा जाहिर की है, बल्कि मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी भी पेश कर दी है। कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ही महाराष्ट्र में शासन कर रही महाविकास अघाड़ी सरकार का हिस्सा है। उसके कई वरिष्ठ नेता राज्य मंत्रिमंडल में शामिल हैं। इसके बावजूद पिछले तीन दिन से नाना पटोले दोहराते आ रहे हैं कि उनकी पार्टी अगले सभी चुनाव अकेले लड़ेगी। सोमवार को तो उन्होंने एक कदम और आगे बढ़ते हुए मुख्यमंत्री पद की भी दावेदारी पेश कर दी।

उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस हाईकमान उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी देता है, तो वह ये जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं। नाना पटोले यह दावा तब कर रहे हैं, जब 288 सीटों वाली विधानसभा में उसके सदस्यों की संख्या सिर्फ 44 है। जबकि महाविकास अघाड़ी के ही दूसरे दलों राकांपा के पास 54 व शिवसेना के पास 56 सीटें हैं। विपक्ष में बैठी भाजपा के पास इन सबसे ज्यादा 105 सीटें हैं। लोकसभा सीटों के मामले में तो कांग्रेस की स्थिति और दयनीय है। राज्य की 48 लोकसभा सीटों में वह सिर्फ एक सीट जीत सकी थी। यह सीट भी शिवसेना से आए सुरेश धानोरकर के जीतने से कांग्रेस को मिल सकी है। वरना तो उसका खाता भी नहीं खुलता।

नाना पटोले की ओर से ये बयान हाल ही में शरद पवार के यह कहने के बाद आने शुरू हुए हैं कि राज्य में चल रही शिवसेनानीत सरकार न सिर्फ अपना कार्यकाल पूरा करेगी, बल्कि अगले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भी महाविकास अघाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेगी। पवार के इस बयान के बाद नाना पटोले तीन बार अकेले लड़ने की बात कह चुके हैं। माना जा रहा है कि ऐसा वह राकांपा व शिवसेना पर दबाव बनाने के लिए कह रहे हैं। वह जानते हैं कि कांग्रेस के 44 सदस्यों के बिना महाविकास अघाड़ी सरकार का चलना मुश्किल होगा। भविष्य के स्थानीय निकाय चुनावों में भी कांग्रेस के सहयोग के बिना महाविकास अघाड़ी सरकार का भाजपा से टक्कर ले पाना आसान नहीं होगा। इसलिए वह अभी से अकेले लड़ने की बात कर रहे हैं। पटोले ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा भी जाहिर कर दी। जबकि उनकी पार्टी में उनसे वरिष्ठ कई नेता मौजूद हैं। अशोक चह्वाण और पृथ्वीराज चह्वाण तो मुख्यमंत्री पद भी संभाल चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी अभी राजनीति से संन्यास की घोषणा नहीं की है।

2014 से पहले नाना पटोले कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर राकांपा के दिग्गज नेता प्रफुल पटेल को हराया था। संसद में पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बजाय उन्होंने लोकसभा व भाजपा की प्राथमिक सदस्यता दोनों से इस्तीफा दे दिया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह नागपुर में भाजपा नेता नितिन गडकरी से हारे, लेकिन अगले विधानसभा चुनाव अपनी परंपरागत साखोली सीट से जीत गए। कांग्रेस के महाविकास अघाड़ी में शामिल हो जाने के कारण नाना पटोले को विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली, लेकिन कुछ माह पहले ही उन्होंने इस पद से भी इस्तीफा दे दिया। क्योंकि उन्हें कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोरात अपेक्षाकृत सौम्य थे, लेकिन तेजतर्रार पटोले कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़वाने की तैयारी करते दिखाई दे रहे हैं।

रामदास अठावले ने कही ये बात

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री और आरपीआई प्रमुख रामदास अठावले ने कहा कि यह कहने का कोई मतलब नहीं है, उन्हें (नाना पटोले) उद्धव ठाकरे और शरद पवार से उनकी पार्टी से दो-ढ़ाई साल के लिए सीएम की नियुक्ति पर बात करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें (कांग्रेस) गठबंधन से हटना चाहिए।

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