Maharashtra: नाना पटोले को मिला संजय निरूपम का साथ, कहा-सहयोगी चाहते हैं हम उनके पिछलग्गू बने रहें
Maharashtra संजय निरूपम ने कहा कि हम भले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) व शिवसेना के साथ मिलकर राज्य में सरकार चला रहे हों लेकिन नाना पटोले को राज्य में कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है और वह उसे ठीक से निभा रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के बीच चल रही अंतर्कलह के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को मुंबई के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम का साथ मिलता दिखाई दे रहा है। निरूपम ने भी कहा कि हम भले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) व शिवसेना के साथ मिलकर राज्य में सरकार चला रहे हों, लेकिन नाना पटोले को राज्य में कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है और वह उसे ठीक से निभा रहे हैं। निरूपम कहते हैं कि नाना पटोले जो भी बोल रहे हैं, उसमें एक आना भी गलत नहीं है। वह कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। कांग्रेस की ताकत बढ़ाना ही उनकी जिम्मेदारी है। संगठन को मजबूत करने के लिए कांग्रेस को हर सीट पर लड़ना ही पड़ेगा। पटोले उसी की तैयारी कर रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है ? महाराष्ट्र में हम सरकार बनाने के लिए राकांपा व शिवसेना के साथ आए हैं। आगे जाकर भी हमें साथ में चुनाव लड़ना है, ऐसा तो कुछ तय नहीं हुआ था। सरकार एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत बनी है और उसी के आधार पर काम कर रही है। अब जिस तरह से शिवसेना और राकांपा को बात-बात पर एतराज होता है और जिस तरह से वह कांग्रेस का मजाक उड़ाते रहते हैं। वह सरासर गलत है। इससे लगता है कि उनमें असुरक्षा की भावना घर कर रही है।
खुद शिवसेना में रहकर राजनीति की लंबी पारी खेल चुके संजय निरूपम कहते हैं कि महाराष्ट्र लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहा है। यहां कांग्रेस ने वर्षों तक अपनी ताकत पर अपना मुख्यमंत्री बनाया और सरकार चलाई है। अब यदि हम इन तीनों पार्टियों के गठबंधन में ही हमेशा लड़ने को तैयार हो जाएं, तब तो 40-50 सीट से ज्यादा कभी ला ही नहीं पाएंगे। हम हमेशा एक हिस्सेदार बनकर ही रह जाएंगे, लेकिन हम महाराष्ट्र के मालिक हैं। अगर मालिक को फिर से महाराष्ट्र में अपना झंडा ऊंचा करना है, तो उसे एक-एक गांव में एक-एक सीट पर काम करना ही पड़ेगा। निरूपम के अनुसार, शायद हमारे सहयोगी यही चाहते हैं कि हम उनके पिछलग्गू बने रहें। उनके साथ गठबंधन में रहकर 50-60 सीट पर ही चुनाव लड़ते रहें। यह गलत नजरिया है। निरूपम कहते हैं कि राकांपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के दौरान भी कांग्रेस ही हमेशा ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ती रही थी। कांग्रेस को फिर से उसी स्थिति में आने की जरूरत है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा कांग्रेस के अलग चुनाव लड़ने की घोषणा महाविकास अघाड़ी में उनके सहयोगी दलों राकांपा व शिवसेना को रास नहीं आ रही है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार यह कहकर पटोले का मजाक उड़ा चुके हैं कि पटोले जैसे छोटे व्यक्ति की बात पर मैं क्या टिप्पणी करूं ? शुक्रवार को राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल ने भी यह कहकर प्रदेश अध्यक्ष को नजरंदाज करने की कोशिश की कि हम एचके पाटिल की कही बात को महत्व देते हैं। एचके पाटिल महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी हैं। हाल ही में जब पटोले कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलनों में राकांपा व शिवसेना पर तीखी टिप्पणियां कर रहे थे, उसी दौरान एचके पाटिल महाविकास अघाड़ी सरकार में कांग्रेस कोटे के दो वरिष्ठ मंत्रियों बाला साहब थोरात व अशोक चह्वाण को लेकर शरद पवार से मिलने उनके घर जा पहुंचे थे।