Maharashtra: अनिल देशमुख केस में सीबीआइ को धमका रही मुंबई पुलिस, हाई कोर्ट से की शिकायत

Maharashtra अनिल देशमुख के भ्रष्टाचार की जांच कर रही सीबीआइ को राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिल रहा है। मुंबई पुलिस के अधिकारी सीबीआइ की टीम को धमकियां भी दे रहे हैं। सीबीआइ ने यह शिकायत मुंबई उच्च न्यायालय से की है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 08:29 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 08:29 PM (IST)
Maharashtra: अनिल देशमुख केस में सीबीआइ को धमका रही मुंबई पुलिस, हाई कोर्ट से की शिकायत
अनिल देशमुख केस में सीबीआइ को धमका रही मुंबई पुलिस, हाई कोर्ट से की शिकायत। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के भ्रष्टाचार की जांच कर रही सीबीआइ को राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिल रहा है। मुंबई पुलिस के अधिकारी सीबीआइ की टीम को धमकियां भी दे रहे हैं। सीबीआइ ने यह शिकायत मुंबई उच्च न्यायालय से की है। देशमुख के खिलाफ सीबीआइ जांच उच्च न्यायालय के ही आदेश पर हो रही है। सीबीआइ के वकील अनिल सिंह ने मुंबई उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व एनजे जमादार की खंडपीठ को सूचित किया है कि अनिल देशमुख जांच मामले में सीबीआइ को राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिल रहा है। मुंबई पुलिस का एक एसीपी सीबीआइ अधिकारियों को धमका भी रहा है। सीबीआइ की इस शिकायत पर कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की वकील अरुणा कामत पई से कहा कि वह राज्य सरकार को नोटिस जारी करेगा। एक एसीपी सीबीआइ को धमका रहा है। सोचिए, क्या स्थिति आ गई है। ऐसी नौबत मत आने दीजिए कि मुझे पुलिस को ही निशाने पर लेना पड़े। कोर्ट ने सीबीआइ से कहा कि वह इस शिकायत की जानकारी महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को भी दे। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह सुनिश्चित करे कि कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों को सही तरीके से पालन हो।

पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप है कि वह पुलिस अधिकारियों के जरिए मुंबई के बारों से प्रति माह 100 करोड़ रुपये वसूली करवाना चाहते थे। देशमुख पर ट्रांसफर और पोस्टिंग में हस्तक्षेप का भी आरोप है। उच्च न्यायालय के आदेश पर ही सीबीआइ इन सभी आरोपों की जांच कर रही है, लेकिन राज्य सरकार शुरू से ही सीबीआइ के ट्रांसफर और पोस्टिंग मामले की जांच का विरोध कर रही है। वह सीबीआइ को कोई दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं करवा रही है, जबकि 22 जुलाई को उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग मामलों की जांच भी सीबीआइ ही करेगी। जबकि राज्य सरकार का कहना है कि वह उच्च न्यायालय के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देना चाहती है। इसलिए सीबीआइ को दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा रही है। उच्च न्यायालय ने वीरवार को कहा कि अभी तक सीबीआइ को जांच से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध न कराया जाना उच्च न्यायालय के आदेशों को स्पष्ट उल्लंघन है। क्योंकि स्वयं उच्च न्यायालय ने अब तक कोई स्थगन आदेश दिया नहीं है और सर्वोच्च न्यायालय से भी अभी तक कोई आदेश पारित नहीं हुआ है।

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