पंचायत समिति एवं जिला परिषद उपचुनाव में महाविकास आघाड़ी ने बाजी मारी, जानें अकेले भाजपा ने जीतीं कितनीं सीटें

महाराष्ट्र में आज आए पंचायत समिति एवं जिला परिषद के उपचुनावों में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी ने बाजी मार ली है। लेकिन छह जिलों में जिला परिषद की 85 सीटों में से 23 जीतकर भाजपा महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों को अलग-अलग मिली सीटों से आगे रही है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 10:32 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 10:32 PM (IST)
पंचायत समिति एवं जिला परिषद उपचुनाव में महाविकास आघाड़ी ने बाजी मारी, जानें अकेले भाजपा ने जीतीं कितनीं सीटें
उपचुनावों में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी ने बाजी मार ली है।

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई! महाराष्ट्र में आज आए पंचायत समिति एवं जिला परिषद के उपचुनावों में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी ने बाजी मार ली है। लेकिन छह जिलों में जिला परिषद की 85 सीटों में से 23 जीतकर भाजपा महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों को अलग-अलग मिली सीटों से आगे रही है। राज्य में छह जिलों में जिला परिषद की 85 एवं पंचायत समितियों की 144 सीटों के लिए उपचुनाव हुए थे।

जिला परिषद की सभी सीटों के लिए घोषित परिणामों में कांग्रेस को 17, राष्ट्रवादी कांग्रेस को 17, शिवसेना को 12 सीटें मिलाकर महाविकास आघाड़ी में शामिल इन तीनों दलों को कुल 46 सीटें मिली हैं। जबकि भाजपा को अकेले 23 सीटों पर विजय हासिल हुई है। 16 सीटें अन्य दलों के खाते में गई हैं। लेकिन इन्हीं जिलों में पंचायत समिति की 144 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस 35 सीटें जीतकर अव्वल रही है। 33 सीटों के साथ भाजपा दूसरे स्थान पर रही है। शिवसेना को 22 एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 16 सीटें हासिल हुई हैं।

भाजपा एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गढ़ समझे जानेवाले नागपुर में भी कांग्रेस ने एक बार फिर भाजपा को करारा झटका दिया है। यहां पंचायत समिति की 31 में से 21 सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। जबकि जिला परिषद की 16 में से नौ सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। पिछले वर्ष दिसंबर में हुए स्नातक क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव में भी भाजपा को नागपुर में हार का मुंह देखना पड़ा था। जबकि उसी सीट से भाजपा के दिग्गज नेता नितिन गडकरी पांच बार एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधर फडणवीस एक बार चुनकर उच्च सदन में पहुंचे थे।

हालांकि ये उपचुनाव सिर्फ छह जिलों तक ही सीमित थे। लेकिन इन चुनावों के परिणामों से महाविकास आघाड़ी में शामिल तीन दलों में भी वर्चस्व की जंग तेज होने की आशंका पैदा कर दी है। पंचायत समितियों एवं जिला परिषद चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन शिवसेना एवं राकांपा से अच्छा रहा है। जबकि राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार में कांग्रेस को सबसे कनिष्ठ भागीदार माना जा रहा है। मंत्रिमंडल में भी उसे कोई विशेष महत्त्व नहीं दिया गया है। लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के बाद से ही नाना पटोले अपनी पार्टी का सांगठनिक ढांचा मजबूत करने में लगे हैं। वह कई बार सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि कांग्रेस महाराष्ट्र में अगला चुनाव अकेले ही लड़ेगी। अब इन उपचुनाव के परिणामों ने उनके दावे पर मुहर लगा दी है।

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