Maharashtra: रश्मि शुक्ला मामले में दखल देना चाहती है सीबीआइः महाराष्ट्र सरकार

Maharashtra महाराष्ट्र सरकार के वकील रफीक दादा ने शुक्रवार को मुंबई उच्च न्यायालय में कहा कि राज्य सरकार पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के साथ खड़ी नहीं दिखना चाहती। वह देशमुख के कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रही सीबीआइ के काम में दखल नहीं देना चाहती।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 09:26 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:26 PM (IST)
Maharashtra: रश्मि शुक्ला मामले में दखल देना चाहती है सीबीआइः महाराष्ट्र सरकार
रश्मि शुक्ला मामले में दखल देना चाहती है सीबीआइः महाराष्ट्र सरकार। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई उच्च न्यायालय में कहा कि सीबीआइ अनिल देशमुख मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ाकर आइपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला मामले में दखल देना चाहती है। महाराष्ट्र सरकार के वकील रफीक दादा ने शुक्रवार को मुंबई उच्च न्यायालय में कहा कि राज्य सरकार पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के साथ खड़ी नहीं दिखना चाहती। वह देशमुख के कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रही सीबीआइ के काम में दखल नहीं देना चाहती। वह अब हमारे मंत्री हैं भी नहीं। लेकिन सीबीआइ अनिल देशमुख मामले की जांच का दायरा बढ़ाकर रश्मि शुक्ला मामले में दखल देना चाहती है। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया कि सीबीआइ द्वारा अनिल देशमुख के विरुद्ध दायर एफआईआर के कुछ हिस्से गैर जरूरी हैं।

इससे पता चलता है कि राज्य की शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। इस याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व एनजे जामदार की खंडपीठ कर रही है। राज्य सरकार सीबीआइ की एफआइआर में से उस हिस्से को हटवाना चाहती है, जिसमें राज्य की पूर्व इंटेलीजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला द्वारा लगाए गए ट्रांस्फर-पोस्टिंग मामले का जिक्र है। रश्मि शुक्ला ने राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार बनने के कुछ दिन बाद दी गई अपनी जांच रिपोर्ट में तब के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। सीबीआइ इसीलिए इस मामले में भी देशमुख की जांच करना चाहती है। राज्य सरकार को इसी बात पर एतराज है।

उसका कहना है कि उच्च न्यायालय ने देशमुख पर लगे 100 करोड़ की वसूली मामले में ही सीबीआइ जांच का आदेश दिया है। ना कि किसी अन्य मामले में। इसलिए सीबीआइ को रश्मि शुक्ला द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट को अपनी जांच के दायरे में शामिल नहीं करना चाहिए। राज्य सरकार रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर चुकी है। महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि रश्मि शुक्ला ने राज्य में इंटेलीजेंस कमिश्नर रहते हुए अनाधिकृत तरीके से फोन टैपिंग कर उक्त रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे सीबीआइ अपनी एफआइआर का हिस्सा बना चुकी है।

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