Maharashtra: सरकार के 100 दिन होने पर अयोध्या जाएंगे उद्धव ठाकरे
Uddhav Thackeray. संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि सरकार पूरे जोर से काम पर लगी है। यह पांच वर्ष पूरे करेगी। सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अयोध्या जाएंगे।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Uddhav Thackeray. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे। यह खुलासा बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ट्विटर के माध्यम से किया है, लेकिन भाजपा उनकी इस प्रस्तावित यात्रा को स्टंट करार दे रही है।
संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि सरकार पूरे जोर से काम पर लगी है। यह पांच वर्ष पूरे करेगी। सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अयोध्या जाएंगे। श्रीराम के दर्शन करके आगे की दिशा तय करेंगे।
राउत ने यह सूचना देने के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार में अपने सहयोगी दलों कांग्रेस एवं राकांपा को भी आमंत्रित करते हुए कहा है कि हम चाहते हैं हमारे सहयोगी दल भी साथ आएं। उनके मुताबिक, राहुल गांधी को कई मंदिरों की यात्रा करते ही रहते हैं।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद 24 नवंबर को ही अयोध्या जाने वाले थे, लेकिन तब सरकार बनने की अनिश्चितता में उन्हें यह योजना स्थगित करनी पड़ी थी। अब वह सरकार के 100 दिन पूरे होने पर रामलला के दर्शन करना चाहते हैं। उद्धव इससे पहले लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जून 2019 में अपनी पार्टी के 18 सांसदों के साथ अयोध्या जा चुके हैं।
भाजपा की ओर से उद्धव की इस प्रस्तावित यात्रा को राजनीतिक स्टंट करार दिया गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की ओर से यह प्रतिक्रिया आई है।
जबकि दिल्ली की भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने भी शिवसेना की चुटकी लेते हुए पूछा है कि क्या शिवसेना कांग्रेस के साथ अयोध्या जाएगी ? लेखी ने प्रश्न किया है कि जिस कांग्रेस ने भगवान राम के अस्तित्व पर भी प्रश्न खड़ा किया था, उस कांग्रेस को भी क्या आप अयोध्या ले जाएंगे?
महाराष्ट्र की भाजपा नेता सायना एन.सी. ने भी शिवसेना पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि शिवसेना की विचारधारा क्या है, यह समझ में नहीं आ रहा है। उनके अनुसार ये महाराष्ट्र विकास आघाड़ी नहीं, बल्कि महाराष्ट्र विनाश आघाड़ी है।
पिछले वर्ष 28 नवंबर को अपने वैचारिक विरोधी दलों कांग्रेस एवं राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद से ही शिवसेना वैचारिक द्वंद्व के दौर से गुजर रही है। कभी सावरकर तो कभी नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर उसे कांग्रेस के सुर से सुर मिलाना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि ऐसे में उद्धव अयोध्या में श्रीराम के दर्शन कर अपनी हिंदूवादी छवि को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं।
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