Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में एक साल के लिए 12 भाजपा विधायक निलंबित
Maharashtra कार्यवाहक अध्यक्ष से दुर्व्यवहार के आरोप पर विपक्षी दल भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया जबकि नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने अपनी पार्टी के विधायकों पर लगे आरोपों को गलत बताया है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले ही दिन सोमवार को कार्यवाहक अध्यक्ष से दुर्व्यवहार के आरोप पर विपक्षी दल भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया, जबकि नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने अपनी पार्टी के विधायकों पर लगे आरोपों को गलत बताया है। निलंबित विधायकों ने अपने निलंबन के खिलाफ राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया है। सिर्फ दो दिन के लिए बुलाए गए मानसून सत्र के पहले ही दिन राकांपा नेता व राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री ने एक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से 2011 की जनगणना के आंकड़े उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था। सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी केंद्र से यह मांग इसलिए कर रही है, ताकि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को ओबीसी आबादी का डाटा तैयार करने में मदद की जा सके और स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए राजनीतिक आरक्षण बहाल कराया जा सके।
भुजबल द्वारा यह प्रस्ताव पेश किए जाने के दौरान भाजपा के विधायक ओबीसी को स्थानीय निकाय चुनावों में राजनीतिक आरक्षण देने की मांग पर ही हंगामा कर रहे थे। इस हंगामे के दौरान ही यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित करा लिया गया। इससे चिढ़े विपक्षी विधायकों ने अध्यक्ष के आसन के सामने जाकर हंगामा व नारेबाजी शुरू कर दी, तो कार्यवाहक अध्यक्ष भास्कर जाधव सदन स्थगित कर अपने कक्ष में चले गए। इसके बाद भाजपा के कुछ सदस्य अध्यक्ष में केबिन में पहुंचे और अध्यक्ष पर बोलने का समय न देने का आरोप लगाने लगे। जब सदन की कार्यवाही पुनः शुरू हुई तो कार्यवाहक अध्यक्ष जाधव ने सदन को बताया कि भाजपा सदस्यों ने उनके केबिन में आकर उनके साथ दुर्व्यवहार एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। जाधव ने संसदीय मामलों के मंत्री से इस मामले की जांच करने को भी कहा और अपने केबिन में गए 12 भाजपा विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया। भास्कर जाधव के अनुसार जब भाजपा के विधायक उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे, उस समय उनके साथ नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल भी मौजूद थे।
जबकि नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि ये सभी आरोप झूठे हैं। एक कहानी गढ़ी जा रही है। भाजपा की ओर से किसी ने भी अध्यक्ष से अमर्यादित भाषा में बात नहीं की। अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को आरक्षण दिलाने के लिए हम 12 तो क्या, इससे ज्यादा विधायकों के बलिदान को तैयार हैं। निलंबित हुए विधायकों में मुंबई भाजपा के पूर्व अध्यक्ष आशीष शेलार भी हैं, जिनकी दो दिन पहले शिवसेना नेता संजय राऊत से गुप्त मुलाकात की चर्चा गरम थी। शेलार ने 12 विधायकों के निलंबन पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस सरकार ने तो तालिबान को भी शर्मिंदा कर दिया है। अध्यक्ष के चैंबर में शिवसेना के विधायकों द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया। फिर भी हमने अध्यक्ष की मर्यादा का ख्याल रखते हुए माफी मांग ली। शिवसेना के लोगों में मेरा सामना करने की हिम्मत नहीं है। मैं सिर्फ छगन भुजबल द्वारा प्रधानमंत्री को लेकर कही गई बातों को ठीक करने की कोशिश कर रहा था। शेलार ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आपने नो बाल पर मेरा विकेट लिया है। मैं मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहा हूं। अब मैं सदन के बाहर दोनों हाथों से बालिंग करूंगा।