Pradeep Sharma: जानें, कौन हैं 112 एनकाउंटर करने वाले प्रदीप शर्मा; क्यों हुई गिरफ्तारी

Pradeep Sharma मुंबई के 112 गैंगस्टरों को एनकाउंटर में मारने का श्रेय प्रदीप शर्मा को दिया जाता है। अंटीलिया व मनसुख हिरेन मामलों में गिरफ्तार अन्य चार में से तीन पुलिसकर्मी सचिन वाझे सुनील माने व विनायक शिंदे उनके सहयोगी रह चुके हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 08:02 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 10:33 PM (IST)
Pradeep Sharma: जानें, कौन हैं 112 एनकाउंटर करने वाले प्रदीप शर्मा; क्यों हुई गिरफ्तारी
जानें, कौन हैं 112 एनकाउंटर करने वाले प्रदीप शर्मा; क्यों हुई गिरफ्तारी। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। प्रदीप शर्मा एक समय मुंबई के चर्चित एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस इंस्पेक्टर रहे हैं। मुंबई के 112 गैंगस्टरों को एनकाउंटर में मारने का श्रेय उन्हें दिया जाता है। अंटीलिया व मनसुख हिरेन मामलों में गिरफ्तार अन्य चार में से तीन पुलिसकर्मी सचिन वाझे, सुनील माने व विनायक शिंदे उनके सहयोगी रह चुके हैं। इनमें से विनायक शिंदे तो लखन भैया फर्जी एनकाउंटर मामले में भी प्रदीप शर्मा के साथ रहा है। विनायक शिंदे को आजीवन कारावास की सजा हो गई थी। जबकि प्रदीप शर्मा इस मामले में बरी हो गए थे। लखन भैया फर्जी एनकाउंटर मामले में फंसने के बाद उन्हें मुंबई पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन बरी होने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (मैट) में अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी। वहां से उनकी बर्खास्तगी खत्म करने का निर्देश दिया गया। 2017 में पुनः महाराष्ट्र पुलिस की सेवा में आने के बाद वह दो साल ठाणे के एंटी एक्सटार्सन सेल में रहे। उस समय वहां के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह थे। उसी दौरान उन्होंने दाऊद के भाई इकबार कास्कर को हफ्तावसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया था। जुलाई 2019 में उन्होंने पुलिस फोर्स से इस्तीफा देकर शिवसेना की सदस्यता ली और नालासोपारा विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा। जहां उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

साजिश में शामिल होने व सबूत नष्ट करने का आरोप
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में चर्चित मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को वीरवार को मुकेश अंबानी के घर अंटीलिया के निकट विस्फोटक लदी स्कार्पियो खड़ी करने व इसके कथित मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर साजिश में शामिल होने व सबूत नष्ट करने का आरोप है। शर्मा के साथ दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एनआइए कोर्ट ने तीनों को 28 जून तक एनआइए की हिरासत में भेज दिया है। एनआइए की टीम ने प्रदीप शर्मा पर दोहरी कार्रवाई की। गुरुवार तड़के उन्हें मुंबई-पुणे मार्ग पर स्थित लोनावला के पास से हिरासत में लेकर मुंबई के एनआइए कार्यालय लाई। जबकि एनआइए की दूसरी टीम ने सुबह मुंबई के जेब नगर स्थित उनके घर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के भारी बंदोबस्त के बीच छापेमारी शुरू की। अंधेरी (पूर्व) स्थित जेबी नगर की भगवान भवन इमारत को केंद्रीय सुरक्षा बलों ने सवेरा होने के पहले ही घेर लिया था। करीब चार घंटे चली छापेमारी में एनआइए ने शर्मा के घर से कंप्यूटर, लैपटाप व प्रिंटर अपने कब्जे में लिए हैं। शर्मा की गिरफ्तारी 11 जून को गिरफ्तार किए गए उनके दो सहयोगियों संतोष शेलार एवं आनंद जाधव से पूछताछ के आधार पर की गई है। प्रदीप के साथ उनके दो और सहयोगियों सतीश तिरुपति मोठकुरी व मनीष वसंत सोनी को भी गिरफ्तार किया गया है। शर्मा के घर पर चली छापेमारी के दौरान एनआइए के एसपी विक्रम खलाते स्वयं उपस्थित थे। शर्मा की गिरफ्तारी के साथ ही अब तक मुकेश अंबानी की इमारत अंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी कार खड़ी करने व इसी कार के कथित मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में पुलिस विभाग से संबंधित गिरफ्तारियों की संख्या पांच हो गई है। इससे पहले सचिन वाझे, रियाजुद्दीन काजी, सुनील माने व विनायक शिंदे को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि इन दोनों मामलों में हुई कुल गिरफ्तारियों की संख्या 10 हो चुकी है।

जानें, क्या है मामला

प्रदीप शर्मा से एनआइए इन दोनों मामलों को मिलाकर अप्रैल में दो बार पूछताछ कर चुकी है। शर्मा दो मार्च को मुंबई पुलिस मुख्यालय स्थित क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट (सीआइयू) के कार्यालय गए थे। तब के सीआइयू प्रमुख सचिन वाझे ने उसी दिन मनसुख हिरेन को सीआइयू कार्यालय बुलाकर उसे अंटीलिया प्रकरण की जिम्मेदारी लेने को कहा था। इसके तीन दिन बाद ही मनसुख की हत्या हो गई थी। हालांकि इस संबंध में एनआइए का कोई अधीकृत बयान सामने नहीं आया है, लेकिन एनआइए को शक है कि उक्त दोनों गंभीर प्रकरणों की साजिश रचने में प्रदीप शर्मा भी सचिन वाझे के साथ थे। क्योंकि इस दौरान शर्मा लगातार वाझे के संपर्क में थे। एनआइए ने विशेष एनआइए कोर्ट में यह दावा भी किया है कि उसके पास प्रदीप शर्मा के विरुद्ध कई सबूत हैं। 11 जून को मालाड के कुरार विलेज से गिरफ्तार संतोष शेलार व आनंद जाधव के बयानों से भी एनआईए का दावा मजबूत हुआ है। शर्मा के ये दोनों सहयोगी पीएस फाउंडेशन (प्रदीप शर्मा फाउंडेशन) नामक स्वयंसेवी संस्था का काम देखते थे। 25 फरवरी को मुकेश अंबानी की इमारत अंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ें रखी एक स्कार्पियो कार खड़ी पाई गई थी। उसके बाद आठ अप्रैल को इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। 

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